
जलमंडल किसे कहते हैं? Hydrosphere in Hindi
Hydrosphere in Hindi
हाइड्रोस्फीयर (Hydrosphere) शब्द को हिंदी में जलमंडल कहा जाता है। हाइड्रोस्फीयर शब्द ग्रीक भाषा के शब्द हाइड्रोस (पानी) और स्पाइरा (गोलाकार) से बना है।
आमतौर पानी द्वारा गठित पृथ्वी के क्षेत्र को हम जलमंडल के रूप में जानते हैं, चाहे वह ठोस, तरल या गैसीय अवस्था में हो, और पृथ्वी पर स्थित है। इस आर्टिकल में हम जलमंडल क्या है, jal mandal kise kahate hain, और इसकी विशेषताओं की विस्तार से चर्चा करेंगे|
जलमंडल किसे कहते हैं?
पृथ्वी सौर मंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जिसमें तरल पानी का भंडार है, और पानी सभी सजीव प्राणियों के जीवन का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा है। बिना पानी के किसी के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
पृथ्वी ग्रह की ठोस सतह पर मौजूद हर प्रकार के पानी को जलमंडल के रूप में जाना जाता है। इसमें महासागर, समुद्र, झीलें, नदियाँ, भूजल, ग्लेशियर, बर्फ शामिल हैं। जलमंडल मुख्य रूप से महासागरों से बना है। पृथ्वी के पानी का 94% हिस्सा महासागरों का जल ही है।
सभी प्राणियों के लिए ऑक्सीजन के बाद दूसरी सबसे प्रमुख आवश्यकता पानी की ही होती है। इसलिए हम यह कह सकते हैं की जलमंडल पृथ्वी के वातावरण और इसमें रहने वाले हर प्रकार के जीव जंतु और पेड़ पौधों के लिए नितांत ही आवश्यक है।
पृथ्वी पर पानी की कुल मात्रा 1.4 अरब घन किलोमीटर है, इसका अधिकांश भाग तरल अवस्था में है। ठोस अवस्था में केवल 29 मिलियन क्यूबिक किलोमीटर हैं।
पानी की इस पूरी मात्रा को खारे पानी और पीने के योग्य पानी में विभाजित किया गया है। महासागरों और समुद्रों का जल खारा पानी होता है और इसे पीने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। इस जल के खारा होने का कारण नमक (NaCl) की उच्च मात्रा होती है। वहीँ दूसरी ओर नदियों, झीलों, बर्फ और भूमि के अंदर उपस्थित जल को पीने योग्य माना जाता है।
पृथ्वी पर उपस्थित कुल पानी निम्नलिखित प्रकार और मात्रा में पाया जाता है-
- महासागर- कुल पानी का लगभग 93.96% जल महासागरों में पाया जाता है।
- भूजल- इसमें कुल पानी का लगभग 4.12% पानी है।
- हिमनद- 1.65% पानी
- जलाशय और झीलें- 0.19%
- मिट्टी की नमी- 0.006%
- वायुमंडलीय आर्द्रता- 0.001%
- नदी का पानी- कुल पानी का लगभग 0.0001% पानी नदियों में पाया जाता है।
पानी के ये विशाल भंडार हमेशा गतिशील रहते हैं। इसका प्रमुख कारण पृथ्वी का घूमना और सौर विकिरण है, और इसी कारण महासागरीय धाराएं, ज्वर भांटा, बहाव धाराएं आदि उत्पन्न होती हैं।
चूंकि जलमंडल पृथ्वी की अधिकांश पर उपस्थित है अतः यह पृथ्वी ग्रह पर होने वाली भौतिक और रासायनिक प्रतिक्रियाओं और परिवर्तनों के लिए प्रमुख कारक है। उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा द्वारा जल का वाष्पीकरण होता है और पुनः यह जल वर्षा के रूप में पृथ्वी पर बारिश के रूप में आता है। फिर यह बारिश का पानी नदियों आदि माध्यम से महासागरों में चला जाता है।
महासागरों में उपस्थित पानी ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के उत्पादन और उपभोग में भी महत्वपूर्ण है।
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की पानी हमारे लिए बहुत आवश्यक है, परन्तु औद्योगीकरण और अन्य विकास के कार्यों में बहुत सारा जल व्यर्थ में नष्ट और प्रदूषित किया जा रहा है, जोकि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
[ जानिए- स्थलमंडल क्या है? ]
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