Evaporation in Hindi | Evaporation Kya Hota Hai
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि Evaporation Kya hota hai (Evaporation in Hindi) इसके अतिरिक्त हम वाष्पीकरण से सम्बंधित अनेक जानकरियां भी प्राप्त करेंगे|
What is Evaporation in Hindi?
जब पानी धीरे-धीरे तरल (Liquid) से गैस या वाष्प में बदल जाता है, तो हम इस प्रक्रिया को वाष्पीकरण की प्रक्रिया कहते हैं। तापमान बढ़ने पर वाष्पीकरण तेजी से होता है।
चाय को उबालने से लेकर, कपड़े सुखाने तक, हमारे आस-पास हर जगह वाष्पीकरण होता है, और यहाँ तक कि वाष्पीकरण ही वह तरीका है जिसके कारन हमें अपने भोजन के लिए नमक मिलता है!
इस प्रक्रिया में दो भाग होते हैं: वाष्पीकरण और उबलना।
उदाहरण:- हम अपने लिए गर्म चाय बनाते हैं तो हम निश्चित रूप से भगोने के ऊपर भाप देखते हैं, क्योंकि पानी ने अभी-अभी उबलने की प्रक्रिया में भाग लिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य यहाँ ये है की हमने ऊपर कहा कि उबलना और वाष्पीकरण दो अलग-अलग चीजें हैं। जबकि ये दोनों प्रक्रियाएं समानांतर में भी हो सकती हैं।
कैसे?
जैसे की यदि गैस पर रखा पानी गर्म किया जाये तो पहले ये उबलना शुरू करेगा और फिर वाष्पन की क्रिया प्राम्भ होगी और पानी वाष्पित होने लगेगा। अब यदि इस प्रक्रिया को हम अच्छे से समझे तो एक तरफ हमारा पानी जो भगोने में रखा है वो उबल भी रहा है और दूसरी तरफ उसी पानी में से कुछ पानी वाष्पित भी हो रहा है। अर्थात यह दोनों प्रक्रिया समानांतर रूप से चल सकती हैं।
एक और महत्वपूर्ण बात “वाष्पीकरण बिना उबाले भी हो सकता है, लेकिन इस स्थिति में यह हमें दिखाई नहीं देगा।”
उदाहरण के लिए, झील में पानी वाष्पित हो जाता है, हालाँकि हम इसे जान नहीं पाते हैं।
भौतिक विज्ञान वाष्पीकरण की व्याख्या इस तथ्य से करता है कि तरल (Liquid) आमतौर पर आसपास की हवा की तुलना में थोड़ा ठंडा होता है – इस तापमान के अंतर के कारण वाष्पीकरण (Evaporation) होता है। यदि कोई बाहरी प्रभाव नहीं है, तो तरल पदार्थों का वाष्पीकरण बहुत धीरे-धीरे होता है|
वाष्पीकरण और उबलने के बीच मुख्य अंतर क्या है?
वाष्पीकरण | उबलना |
वाष्पीकरण किसी भी तापमान पर, तरल की सतह से हो सकता है| | उबलने की प्रक्रिया एक निश्चित तापमान पर ही प्रारम्भ हो सकती है ! |
वाष्पीकरण एक धीमी प्रक्रिया है| | उबलना तेज प्रक्रिया होती है| |
वाष्पीकरण में बुलबुले नहीं बनते हैं| | उबलने की प्रक्रिया में बुलबुले बनते हैं| |
वाष्पीकरण दर क्या है?
वाष्पीकरण दर, एक सेकंड में 1 सेमी 2 की सतह से वाष्पित होने वाले पानी की मात्रा है ।
अथवा
वाष्पीकरण दर, तरल की वह मात्रा है जो प्रति इकाई समय में मुक्त सतह से वाष्पित होती है।
वाष्पीकरण की दर निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:
- सतह का तापमान – तापमान जितना अधिक होगा, वाष्पीकरण उतना ही अधिक होगा। उदाहरण- हिमालयी क्षेत्रों में बारिश के बाद सड़कें काफी देर तक गीली रहती हैं, लेकिन जयपुर में बारिश के मौसम में भी अधिक तापमान के कारण सब कुछ जल्दी सूख जाता है।
- हवा – हवा की गति जितनी अधिक होगी, वाष्पीकरण उतना ही अधिक होगा।
- नमी की कमी – जहां नमी की कमी अधिक होती है वहां वाष्पीकरण दर अधिक होगी। उदाहरण- किसी भी रेगिस्तान में आर्द्रता बहुत कम होती है, इस वजह से वाष्पीकरण अधिक तीव्र होता है।
- दबाव – दबाव जितना अधिक होगा, वाष्पीकरण उतना ही कम होगा।
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