भगवान गौतम बुद्ध जीवन परिचय | Gautam Buddha in Hindi

भगवान बुद्ध का जन्म 263 ईसा पूर्व लुंबनी नामक वन में हुआ था उनके पिता का नाम शुद्धोधन तथा माता का नाम माया था, भगवान बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था, बचपन से ही भगवान बुद्ध अत्यंत करुणामय एवं चिंतनशील थे|

उनकी उदासीनता को देखकर उनके पिता ने 16 वर्ष की आयु में उनका विवाह यशोधरा नाम की युवती से कर दिया, परंतु विवाह ने उनके हृदय को शांति नहीं दी और उनकी चिंतन क्रिया बढ़ती रही |

एक बार वह राजमार्ग पर जा रहे थे तो उन्हें एक वृद्ध आदमी मिला थोड़ी दूर चलने के पश्चात उनकी भेंट एक रोगी से हुई, और आगे बढ़े तो उन्हें शमशान की ओर जाती हुई एक अर्थी मिली| इन दृश्यों ने उनके हृदय पर गहरा प्रभाव डाला और वह संसार को दुखमय मानने लगे|

एक दिन वह विचार में खोए हुए चिंतन कर रहे थे कि उन्हें अपनी पत्नी यशोधरा के पुत्र होने का समाचार मिला इस समाचार को सुनकर उनके मुख से “राहुल” शब्द निकला, राहुल का अर्थ बंधन होता है परंतु वह बंधन उन्हें नहीं रोक सका| एक रात में अपनी पत्नी को छोड़ कर घर से बाहर निकल पड़े इस समय उनकी भाई मात्र 29 वर्ष की थी उन के गृह त्याग की घटना को महानिष्क्रमण कहा जाता है|

सत्य की खोज –

मन में उठी शंकाओं को शांत करने के लिए वे सर्वप्रथम गौतम आलार नामक सन्यासी के पास गए, पर्याप्त काल तक उन के निकट रहे परंतु उनकी शंकाओं का समाधान नहीं हो सका अतः वे स्थान स्थान पर भ्रमण करते हुए मगध की राजधानी उर्वेला पहुंचे यहां उन्होंने पांच ब्राह्मणों के साथ कठोर तप किया और अन्न त्याग दिया परंतु तप, अन्य त्यागने से भी उनके मन को शांति नहीं मिली|

बुद्धत्व की प्राप्ति –

इसके पश्चात भगवान बुद्ध ने छह वर्षों तक गहन चिंतन किया एवं एक दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठे चिंतन कर रहे थे तब उन्हें अपने अंदर एक प्रकाश का आभास हुआ वह बुद्धत्व की प्राप्ति थी इस समय उनकी अवस्था केवल 35 वर्ष थी|

उपदेश प्रसार –

सर्वप्रथम गौतम बुद्ध ने बनारस जाकर अपने उन पांच ब्राह्मण साथियों को उपदेश दिया जो उन्हें छोड़ कर चले गए थे , यह उपदेश धर्मचक्र परिवर्तन के नाम से प्रसिद्ध है इसके पश्चात महात्मा बुद्ध ने अवध,  बिहार आदि प्रदेशों में धर्म प्रचार किया|

कौशल नरेश प्रसेनजित तथा मगध नरेश बिंबिसार ने भगवान बुद्ध के उपदेशों से प्रभावित होकर बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया| 86 वर्ष की आयु में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के प्रदेशों में वैशाखी पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध इस संसार को छोड़ कर चले गए|


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