प्रदूषण पर निबंध Essay on Pollution in Hindi

प्रदूषण का अर्थ-

Pollution Meaning in Hindi- हमारे चारों ओर फैले हुए वातावरण को हम पर्यावरण कहते हैं, यह वातावरण हमें प्रकृति ने प्रदान किया है और हमारे जीवन के विकास के लिए जो सबसे आवश्यक वस्तु है वह है संतुलित वातावरण|

संतुलित वातावरण का तात्पर्य एक ऐसे वातावरण से है जो मनुष्य एवं अन्य सभी जीवधारियों के लिए अनुकूल होता है| अनुकूल वातावरण में वह सभी चीजें सम्मिलित होती है जो हमारे जीवन को सुचारु ढंग से संचालित करती हैं|

परंतु आज मनुष्य इतनी तीव्र गति से विकास की ओर आगे बढ़ रहा है कि वह अपने वातावरण को भी प्रदूषित करने लगा है| जब वातावरण में कुछ हानिकारक घटक सम्मिलित हो जाते हैं तो हमारा वातावरण प्रदूषित हो जाता है और उसका संतुलन बिगड़ जाता है|

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की वातावरण के दूषित होने को प्रदूषण (Pollution) कहा जाता है| वातावरण को प्रदूषित करने के लिए हम किसी एक वस्तु को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते वरन इसके कई सारे घटक कई रूपों में विद्यमान हैं|

आज के मनुष्य ने अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए औद्योगीकरण को एक नए आयाम तक पहुंचाया है परंतु वह स्वयं औद्योगीकरण के जंजाल में फस गया है|

जिस तीव्र गति से उसने व्यवसाय, औद्योगिक विकास में सफलताएं अर्जित की है उसी तीव्र गति से उसने अपने वातावरण को भी प्रदूषित किया है और इसी के कारण आज मानव समाज एक नई समस्या में उलझ गया है और उस समस्या का नाम है- प्रदूषण की समस्या|

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प्रदूषण के प्रकार-

प्रदूषण की समस्या के लिए कई स्रोत जिम्मेदार है जिनके आधार पर हम प्रदूषण का वर्गीकरण कर सकते हैं, प्रदूषण के प्रकार अग्रलिखित है-

1. वायु प्रदूषण-

Air Pollution information in Hindi- मनुष्य के साथ-साथ संसार के सभी सजीव के लिए वायु (ऑक्सीजन) एक अनिवार्य स्रोत है, इसके बिना कोई भी जीवधारी अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता है| संसार के प्रत्येक प्राणी को अपने जीवन को स्वस्थ रुप से जीने के लिए शुद्ध वायु की आवश्यकता होती है|

इसी कारणवश वायुमंडल में ऑक्सीजन का एक विशेष अनुपात में उपस्थित होना बहुत ही आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है|प्रत्येक जीवधारी सांस द्वारा ऑक्सीजन अपने शरीर के अंदर ग्रहण करता है और कार्बन डाई ऑक्साइड के रूप में उसे निष्कासित करता है|

पेड़ पौधे कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करके हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिससे वायुमंडल में शुद्धता बनी रहती है परंतु आजकल मनुष्य ने जंगल, पेड़ पौधों को काटकर औद्योगीकरण के विकास के लिए फैक्ट्रियां आदि स्थापित की है जिनसे अनेक प्रकार की गैसों का उत्सर्जन होता है, और यह गैसे वायुमंडल में घुलकर उसे प्रदूषित कर रही हैं|

इसके अतिरिक्त मनुष्य ने आवागमन को तीव्र एवं सुलभ बनाने के लिए कई सारी मोटर गाड़ियों का आविष्कार किया और उनका उपयोग करना प्रारंभ किया जिससे भी वातावरण प्रदूषित हो रहा है| इस तरह के प्रदूषण को हम वायु प्रदूषण कहते हैं|

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2. ध्वनि प्रदूषण-

Speech on Noise Pollution in Hindi-

ध्वनि प्रदूषण की समस्या से भी आज मनुष्य समाज पूरी तरह से जूझ रहा है, परंतु अगर हम यहां देखें इसका जिम्मेदार कौन है तो हमें यह ज्ञात होता है कि ध्वनि प्रदूषण का जिम्मेदार स्वयं मनुष्य ही है|

औद्योगीकरण, व्यवसायीकरण और शहरीकरण के विकास में मनुष्य ने कई तरह के अविष्कारों को करके अपने जीवन को तीव्र एवं सुलभ बनाया, जैसे उसने रेलगाड़ी, मोटर यान, मशीनों आदि आविष्कार किया और इन सब ने एक नई समस्या को जन्म दिया जिसे हम ध्वनि प्रदूषण की समस्या कहते हैं|

ध्वनि प्रदूषण के कारण आज मनुष्य समाज को अनिद्रा, क्रोध (गुस्सा), चिड़चिड़ापन जैसी बीमारियों ने काफी हद तक अपने प्रभाव में कर लिया है|

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3. जल प्रदूषण-

Paragraph on Water Pollution in Hindi-

जिस प्रकार वायु हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है उसी प्रकार जल भी हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, जल को जीवन भी कहा जाता है| हिंदू मान्यताओं के अनुसार जल में ही सभी देवता निवास करते हैं और जल के बिना किसी भी जीव-जंतु, मनुष्य एवं पेड़-पौधों का कोई अस्तित्व नहीं है|

हमारे देश में जल का प्रमुख स्रोत नदियां हैं परंतु बढ़ते हुए औद्योगीकरण ने इन नदियों को काफी हद तक प्रदूषित किया है, शहरीकरण के बढ़ते प्रभाव ने शहरों से निकलने वाले गंदे नालों और सीवर को नदियों से मिला दिया गया जो कि जल प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण कारण है|

इसके अतिरिक्त फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को भी नदियों मैं प्रवाहित किया जाने लगा और हमारी पवित्र नदियां प्रदूषित होने लगी| जैसे-जैसे भारत में जनसंख्या वृद्धि हुई वैसे-वैसे नदियों के आस पास कई सारे गांव और शहर बसा दिए गए जिनमें से निकलने वाले कूड़ा, करकट गंदे पानी को नदियों में मिलाया जाने लगा, और जल प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगी|

जल प्रदूषण से आज हमारे समाज को कई प्रकार की भयानक बीमारियां उत्पन्न होने का भय बना रहता है|

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