सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ Suryakant Tripathi Nirala Biography in Hindi
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी हिन्दी साहित्य संसार के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। आपने अपनी कविताओं में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया तथा यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया है। निराला जी एक कवि, निबन्धकार, उपन्यासकार और कहानीकार थे।
Suryakant Tripathi Nirala Biography ( Jeevan Parichay ) in Hindi-
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला का जीवन परिचय-
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का जन्म 11 फरवरी 1896 को बंगाल के मेदनीपुर नामक जिले में वसंत पंचमी के शुभ दिन हुआ था। आपकी जन्मतिथि को लेकर विद्वानों में मतभेद है| इनके पिता का नाम पंडित रामसहाय तिवारी था जोकि उन्नाव के रहने वाले थे और मेदनीपुर जिले में नौकरी करते थे|
तीन वर्ष की अल्प अवस्था में इनकी माता का और बीस वर्ष की आयु में इनके पिता का देहांत हो गया। मेदनीपुर जिले में ही इनकी प्रारंभिक शिक्षा बांगला माध्यम से हुई और मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की| बचपन में सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ बहुत मेधावी छात्र थे और आपकी रूचि घुड़सवारी, कुश्ती, और अन्य खेलों में थी|
इसके साथ साथ वह रामचरित मानस का काव्य पाठ भी किया करते थे| आपको हिंदी, संस्कृत, बांगला, अंग्रेजी आदि भाषाओं का अच्छा ज्ञान था| सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की पत्नी का नाम मनोहरा देवी था| पिताजी की मृत्यु के पश्चात आपके बच्चों के अलावा आपके संयुक्त परिवार का भी बोझ आप पर पड़ा।
पहले महायुद्ध के उपरान्त जो महामारी फैली उसमें आपकी पत्नी, चाचा, भाई और भाभी का देहांत हो गया। इस दुखद घटना ने आपके ह्रदय पर गहरा आघात किया| पत्नी के वियोग के समय में ही आपका परिचय महावीर प्रसाद द्विवेदी से हुआ|
आपके जीवन पर स्वामी रामकृष्ण परमहंस और विवेकानद का गहरा प्रभाव था| सूर्यकान्त जी महाकवि जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत एवं महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी काव्य संसार में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। आपके जीवन का अंतिम समय इलाहाबाद में बीता।
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की मृत्यु दारागंज मुहल्ले में स्थित रायसाहब की विशाल कोठी के ठीक पीछे बने एक कमरे में 15 अक्टूबर 1961 को हुई।
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की जीवनी –
नाम | सूर्यकान्त त्रिपाठी |
जन्मतिथि | 11 फरवरी 1896 |
जन्म स्थान | मेदनीपुर |
मृत्यु | 15 अक्टूबर 1961 |
मृत्यु स्थान | इलाहाबाद |
पिता का नाम | रामसहाय तिवारी |
पत्नी का नाम | मनोहरा देवी |
साहित्यिक सेवायें-
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की रचनाएँ-
निराला जी की रचनाओं में अनेक प्रकार के भाव पाए जाते हैं। यद्यपि वे प्रायः खड़ी बोली के कवि थे, परन्तु वे ब्रजभाषा एवं अवधी भाषा में भी कविताएँ गढ़ लेते थे। आपकी रचनाओं में कहीं प्रेम की सघनता है, कहीं आध्यात्मिकता तो कहीं विपन्नों के प्रति सहानुभूति व सम्वेदना, कहीं देश-प्रेम का ज़ज़्बा तो कहीं सामाजिक रूढ़ियों का विरोध व कहीं प्रकृति के प्रति झलकता अनुराग। आपकी प्रमुख काव्यकृतियाँ अग्रलिखित हैं-
- कविता संग्रह- परिमल, अनामिका, गीतिका, कुकुरमुत्ता, आदिमा, बेला, नये पत्त्ते, अर्चना, आराधना, तुलसीदास, जन्मभूमि।
- उपन्यास- अप्सरा, अल्का, प्रभावती, निरूपमा, चमेली, उच्च्श्रंखलता, काले कारनामे।
- निबन्ध संग्रह- प्रबन्ध-परिचय, प्रबन्ध प्रतिभा, बंगभाषा का उच्चारण, प्रबन्ध पद्य, प्रबन्ध प्रतिमा, चाबुक, चयन, संघर्ष।
- अनुवाद- आनन्द मठ, विश्व-विकर्ष, कृष्ण कान्त का विल, कपाल कुण्डला, दुर्गेश नन्दिनी, राज सिंह, राज रानी, देवी चौधरानी, युगलंगुलिया, चन्द्रशेखर, रजनी, श्री रामकृष्ण वचनामृत, भारत में विवेकानन्द, राजयोग।
Related Articales
Recently Posted
-
भगवान गौतम बुद्ध जीवन परिचय | Gautam Buddha in Hindi
December 15, 2022. -
कार्बन के अपररूप Allotropes of Carbon in Hindi
November 5, 2022. -
मिश्र धातु किसे कहते हैं? उपयोग, नाम, गुण Alloy in Hindi
July 27, 2022. -
गलनांक किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण Melting Point in Hindi
July 20, 2022. -
परिमाप किसे कहते हैं? Perimeter in Hindi
July 19, 2022.