
परमाणु क्रमांक क्या है? Parmanu Sankhya Kise Kahate Hain
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि परमाणु क्रमांक क्या है, Parmanu sankhya kise kahate hain, इसकी परिभाषा और इसका परमाणु द्रव्यमान से क्या संबंध है। साथ ही हम जानेंगे कि से तक के तत्त्वों की परमाणु संख्या के बारे में।
परमाणु क्रमांक क्या है? Atomic Number in Hindi
परमाणु एक नाभिक से बना होता है, जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या किसी तत्व में उपस्थित प्रोटानों की कुल संख्या है, जो उस रासायनिक तत्व के परमाणु नाभिक का निर्माण करती है।
अर्थात किसी रासायनिक तत्व की परमाणु संख्या उस तत्व के परमाणु नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को इंगित करती है। परमाणु क्रमांक को Z से निरूपित किया जाता है।
परमाणु क्रमांक रासायनिक तत्व की प्रमुख विशेषताओं में से एक हैं। यदि यह संख्या बदलती है, तो रासायनिक तत्व बदल जाता है।
परमाणु क्रमांक की कोई इकाई नहीं होती है ! वास्तव में यह एक भौतिक मात्रा नहीं है बल्कि एक संख्या है|
ZAX
आवर्त सारणी में तत्वों को उपरोक्त चित्र के अनुसार दर्शाया जाता है। जहाँ Z परमाणु क्रमांक, X उस तत्व का प्रतीक और A द्रव्यमान संख्या है।
परमाणु संख्या के कुछ उदाहरण:
- 2311Na (तत्व: सोडियम, परमाणु क्रमांक: 11, और द्रव्यमान संख्या: 23)।
- ऑक्सीजन O की परमाणु संख्या 8 है, क्योंकि ऑक्सीजन परमाणुओं और आयनों में 8 प्रोटॉन होते हैं।
- गोल्ड Au की परमाणु संख्या 79 है, क्योंकि सोने के परमाणुओं और आयनों में 79 प्रोटॉन होते हैं।
अभी तक आपने जाना कि Parmanu sankhya kise kahate hain, अब हम आगे इसके उदाहरण और उपयोग के बारे में चर्चा करेंगे।
परमाणु क्रमांक के उदाहरण
1 से 10 तक के तत्व उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में निम्नलिखित हैं-
- हाइड्रोजन, H (1)
- हीलियम, He (2)
- लिथियम, Li (3)
- बेरिलियम, Be (4)
- बोरॉन, B (5)
- कार्बन, C (6)
- नाइट्रोजन, N (7)
- ऑक्सीजन, O (8)
- फ्लोरीन, F (9)
- नियॉन, Ne (10)
परमाणु क्रमांक का उपयोग
- परमाणु क्रमांक प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या निर्धारित करने में उपयोगी होते हैं।
- किसी यौगिक के घटकों की पहचान करने में परमाणु क्रमांक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
- परमाणु संख्या से हम आवर्त सारणी में किसी भी तत्व की उपस्थिति या स्थान के बारे में जान सकते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को निर्धारित करने में परमाणु क्रमांक उपयोगी होते हैं।
- क्वांटम संख्याएं और इलेक्ट्रॉन विन्यास आरेख को निर्धारित करने में परमाणु क्रमांक उपयोगी होते हैं।
द्रव्यमान संख्या और परमाणु द्रव्यमान
द्रव्यमान संख्या कुल उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का योग होती है। आमतौर पर तत्वों में द्रव्यमान संख्या, परमाणु संख्या से लगभग दोगुनी होती है। परन्तु समस्थानिक में द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है।
द्रव्यमान संख्या की गणना सूत्र द्वारा की जा सकती है:
द्रव्यमान संख्या (A) = परमाणु संख्या (Z) + न्यूट्रॉन की संख्या (N)।
परमाणु क्रमांक और इलेक्ट्रॉनों की संख्या
परिभाषा के अनुसार एक परमाणु के इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसमें उपस्थित प्रोटानों की संख्या के बराबर होती है। यही कारण है कि परमाणु संख्या (Atomic Number in Hindi) प्रोटॉन की संख्या और इलेक्ट्रॉनों की संख्या दोनों के बराबर होती है।
लेकिन आयनों के मामले में यह सत्य नहीं है, क्यूंकि आयनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटानों की संख्या से कम या ज्यादा होती है।
उदाहरण के लिए- एक Ca2+ आयन में Ca तत्व की तुलना में 2 इलेक्ट्रॉन कम हैं, जबकि एक Cl- आयन ने Cl तत्व की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन ज्यादा है। परन्तु Ca2+ में प्रोटान कि संख्या Ca के बराबर और Cl- में प्रोटान कि संख्या Cl की प्रोटोन संख्या के बराबर ही होती है।
किसी तत्व के आयन में कितने इलेक्ट्रान कम या ज्यादा होंगे इसका पता अष्टक नियम से लगाया जा सकता है।
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