दहेज प्रथा | Dahej Pratha Essay in Hindi

Dahej Pratha Essay in Hindi

दहेज क्या है? Dowry meaning in Hindi-
दहेज का वास्तविक अर्थ उस धन-संपत्ति से है जो कन्या पक्ष के लोग वर पक्ष को प्रदान करते हैं अर्थात कन्या का विवाह करने के उपलक्ष में वधू पक्ष द्वारा नकद या उपहार जेवर इत्यादि वर पक्ष को दिया जाता है जिसे हम दहेज की संज्ञा देते हैं, इस प्रकार दहेज का अर्थ है वर मूल्य|

ब्रिटेनिका शब्दकोष के अनुसार– दहेज वह संपत्ति है जो एक स्त्री विवाह के समय अपने साथ लाती है या उसे दी जाती है |

मैक्स रोडिन के अनुसार दहेज़ की परिभाषा (Dowery (Dahej) definition in Hindi)– दहेज वह संपत्ति है जो एक पुरुष विवाह के समय अपनी पत्नी या उसके परिवार से प्राप्त करता है|

भारत में दहेज प्रथा Dowry System in India-

आज लगभग संपूर्ण भारतीय समाज में दहेज प्रथा (Dowry System) एक बहुत बड़ी बुराई के रूप में विद्यमान है और इस प्रथा के कारण ही आज भारत में हर व्यक्ति समाज को गहरी क्षति उठानी पड़ रही है| परंतु भारतीय समाज में यह प्रथा कोई नई प्रथा नयी नहीं है यह आदि अनादि काल से चली आ रही प्रथा है|

भारत के प्राचीन ग्रंथों जैसे महाभारत, रामायण, ऋग्वेद आदि में भी इस परंपरा का उल्लेख कई स्थानों पर मिलता है| भारतीय परंपरा में यह माना जाता है की द्रोपदी, सुभद्रा आदि राजकुमारियों के विवाह में भी वर पक्ष के लोगों को दहेज दिया गया था| भारत में दहेज की प्रथा (Dowry System in India) वास्तविक रुप से मध्य युग की देन माना जाता है|

मध्य युग में जब भारतीय समाज पर मुगल साम्राज्य का प्रभाव बढ़ने लगा तब महिलाओं को पर्दे में रखा जाने लगा एवं उन्हें हेय (घृणा) दृष्टि से भी देखा जाने लगा, जिसके परिणाम स्वरुप नारी के विवाह के लिए दहेज की मांग उत्पन्न हुई|

दहेज निरोधक कानून-

दहेज प्रथा की स्थिति को देखते हुए भारतीय सरकार ने इस प्रथा को रोकने के लिए अनेक कानूनी प्रयास किए परंतु इन कानूनी व्यवस्थाओं का भी इस कुप्रथा के निवारण में कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है| दहेज निरोधक अधिनियम 1961 के अनुसार दहेज का अर्थ किसी ऐसी संपत्ति या मूल्यवान निधि से है जो विवाह करने वाले दोनों पक्षों में से एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को अथवा विवाह में भाग लेने वाले दोनों पक्षों में से किसी एक पक्ष के माता पिता या किसी अन्य व्यक्ति ने किसी दूसरे पक्ष अथवा उसके किसी व्यक्ति को विवाह के समय, विवाह से पहले या विवाह के बाद, विवाह की आवश्यक शर्त के रूप में दी हो अथवा देना स्वीकार किया हो|

इस अधिनियम को 1984 में संशोधित किया गया है जो 2 अक्टूबर 1985 से भारत में लागू किया गया जिसमें दहेज लेने वाले व्यक्ति के लिए 5 वर्ष का कारावास तथा 15000 जुर्माने के दंड का प्रावधान रखा गया है|

दहेज प्रथा के प्रमुख कारण-

Reasons of Dowry System (Dahej Pratha) in Hindi-

दहेज प्रथा के प्रमुख कारणों को हम अग्रलिखित बिंदुओं के द्वारा जान सकते हैं-

  • अंतर्विवाह का नियम व्यक्ति को अपनी जाति में विवाह करने की अनुमति देता है|
  • विवाह की अनिवार्यता दहेज लेने व देने को प्रोत्साहित करती है|
  • संयुक्त परिवारों में स्त्रियों का शोषण दहेज के कारण आम बात हो गई है|
  • अनुलोम विवाह के नियम के अनुसार कन्याओं का विवाह उच्च कुल में होता है|
  • सामाजिक परंपराएं दहेज प्रथा का प्रमुख कारण हैं|
  • काले धन में वृद्धि से दहेज प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है|
  • निर्धनता एवं बेरोजगारी दहेज प्रथा का प्रमुख कारण है|
  • पुरुष प्रधान समाज होने के कारण स्त्रियों की स्थिति निम्न हो रही है|
  • महंगी शिक्षा प्रणाली दहेज को प्रोत्साहित कर रही है|
  • धन के महत्त्व में बृद्धि के कारण दहेज प्रथा में सतत वृद्धि हो रही है|

Read more to know about Dahej Pratha ke karan aur Essay on Dowry System in Hindi-

दहेज़ प्रथा के कारणों का सविस्तार वर्णन-

पैसों की लालच
पैसों की लालच दहेज़ प्रथा के लिए सबसे प्रमुख कारण है| अक्सर लोग अपने बेटे की पढाई पर किये गए खर्चों के लिए दहेज़ की मांग करते हैं| अच्छी/सरकारी नौकरी प्राप्त लड़कों की शादी में आम तौर पर दहेज़ की मांग ज्यादा बढ़ जाती है| इस मामले में लड़की के घर वाले भी चुपचाप दहेज़ दे देते हैं न तो वो इसके खिलाफ कोई कम्प्लेन करते हैं और न ही इसके खिलाफ कोई आवाज उठाते हैं|

पुरुष प्रधान समाज
आम तौर पर भारत पुरुष प्रधान देश है जहाँ परिवार की सत्ता घर के पुरुषों के हाथ में होती है| आज भी लोग पुरुषों को महिलाओं से बेहतर मानते हैं और इसी सोच ने दहेज़ को भारतीय समाज में जड़कर रखा है|

धार्मिक कारण
धार्मिक कारण दहेज़ प्रथा के प्रमुख कारणों में से एक है| भारतीय समाज कुछ धर्मों में शादियां उन्ही के धर्म, उन्ही के जाति, गोत्र आदि में ही की जाती है और इसके लिए एक उपयुक्त वर को ढूंढना बहुत मुश्किल कार्य होता है, और इसी कारण वश लोग दहेज़ देकर जल्द से जल्द शादी कर देते हैं|

महिलाओं की सामाजिक स्थिति
भारतीय समाज में महिलाओं की सामाजिक स्थिति अच्छी नहीं है| हालाँकि महिलाएं आज हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रही हैं और अपना परचम लहरा रही हैं परन्तु अभी भी उनकी स्थिति पुरुषों की तुलना में बहुत सोचनीय है| इस कारण वश उनके विवाह में कई परेशानियां उत्पन्न होती हैं जिससे दहेज़ की सम्भावना बढ़ जाती है और लोग दहेज़ में पैसों को बढाकर उनकी शादी कर देते हैं|

दिखावापन
दहेज अक्सर हमारे देश में सामाजिक स्तर दिखाने का साधन होता है। आज हर कोई यह देखता है की किसी ने अपनी बेटी की शादी में कितना खर्चा किया और किसने कितना दहेज़ दिया| जो जितना ज्यादा दहेज़ देता है उसे उतना ही अमीर माना जाता है| इस कारण लोग अपनी बेटी की शादी में ज्यादा से ज्यादा खर्च और दहेज़ देकर दहेज़ प्रथा (Dahej Pratha) को बढ़ावा देते हैं|

दहेज प्रथा की प्रमुख हानियां या दुष्परिणाम-

आज दहेज प्रथा एक सामाजिक अभिशाप या सामाजिक समस्या के रूप में हमारे समाज में विद्यमान है| इस प्रथा के कारण आज भारत में परिवारों का रहन-सहन का स्तर गिरा हुआ रहता है, क्योंकि परिवार के सदस्य अपनी पत्नियों को दहेज में देने के लिए राशि को एकत्रित करते रहते हैं| दहेज प्रथा एक ऐसा अभिशाप है जिसमें दोस्त ही दोस्त हैं दहेज प्रथा के सबसे बड़े को परिणाम आज भारतीय समाज में हत्या या आत्महत्या के रूप में दिखाई पड़ते हैं|

दहेज प्रथा के दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं-

  • दहेज के कारण घर में पारिवारिक संघर्ष की स्थिति बनी रहती है|
  • अधिक दहेज की मांग आज आत्महत्या का प्रमुख कारण बनती जा रही है|
  • शिशु हत्या या कन्या भ्रूण हत्या दहेज प्रथा के कारण ही हो रहे हैं|
  • दहेज देने के लिए व्यक्ति ऋण लेता है जिससे ऋण ग्रस्तता बनी रहती है|
  • दहेज देने के कारण किसी सामान्य परिवार का जीवनस्तर निम्न होता जा रहा है|
  • दहेज के कारण विवाह का व्यापारीकरण हो रहा है|
  • अनेक सामाजिक समस्याओं की जड़ का प्रमुख कारण दहेज प्रथा है|
  • दहेज के अभाव में सुंदर कन्या का बेमेल विवाह कर दिया जाता है|
  • दहेज के कारण स्त्रियों की स्थिति समाज में निम्न होती जा रही है|
  • अविवाहित लड़कियों की संख्या में वृद्धि का प्रमुख कारण दहेज प्रथा है|

दहेज प्रथा की समाप्ति, नियंत्रण या उन्मूलन हेतु सुझाव-

दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए एक दहेज निरोधक कानून 1961 ईसवी में लाया गया और यह कानून 1 जुलाई 1962 से संपूर्ण देश में लागू हुआ|

दहेज प्रथा की समाप्ति नियंत्रण और उन्मूलन हेतु सुझाव निम्नलिखित हैं-

  • सामाजिक चेतना द्वारा दहेज प्रथा के उन्मूलन का प्रयास करना चाहिए|
  • दहेज लेन देन करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं देनी चाहिए|
  • स्त्रियों को आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत बनाया जाना चाहिए|
  • समाज में प्रेम विवाह को प्रोत्साहित करके दहेज प्रथा को समाप्त किया जा सकता है|
  • समाज के हर वर्ग में शिक्षा के प्रचार प्रसार के द्वारा इस प्रथा की समाप्ति के प्रयास करने चाहिए|
  • जन जागरुकता अभियान चला कर इस प्रथा के प्रति जागरुकता पैदा करनी चाहिए|
  • समाज के हर वर्ग में अंतर जाति विवाह को प्रोत्साहित करने का अभियान चलाना चाहिए|
  • दहेज निरोधक कानून को और अधिक प्रभाव कारी बनाकर क्रियान्वित करना चाहिए|
  • अपने जीवन साथी के चयन की स्वतंत्रता होनी चाहिए|
  • स्थानीय प्रशासन को दहेज प्रथा नियंत्रण की जिम्मेदारी देकर उसको और प्रभावी बनाया जाना चाहिए|

Related Articales

Logo

Download Our App (1Mb Only)
To get FREE PDF & Materials

Download