जीरो की खोज किसने और कब की? Zero ki khoj kisne ki thi

जीरो कि खोज मैथ के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण है शून्य (0) का आविष्कार दुनिया में होने वाले महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है|

पुरातन काल में जब जीरो (Zero or 0) की खोज नहीं हुई थी, तब भी लोग इस बात से परिचित थे कि कोई वस्तु या तो है या तो नहीं है, इस हिसाब से जीरो कि अवधारणा बहुत नयी है|

जीरो का अविष्कार पांचवी शतब्दी के आस पास भारत में हुआ था, और जीरो कि खोज का श्रेय भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट को जाता है| आर्यभट्ट ने जीरो ( शून्य or 0) कि खोज की और अमर हो गए| शून्य कि खोज से पहले गणितज्ञों ने सबसे सरल अंकगणितीय गणना करने के लिए बहुत संघर्ष किया, परन्तु आज शून्य का प्रयोग गणनाओं के अतिरिक्त कम्प्यूटर को भी सुचारु रूप से चलने में किया जा रहा है|

जीरो का प्रयोग एक तो प्रतीक (0) के रूप में कर्त हैं तथा इसका दूसरा प्रयोग तब किया जाता है जब किसी चीज़ कि अनुपस्थिति को दर्शन हो|

Important points about Zero-

किसी भी वास्तविक संख्या को शून्य (Zero) से गुणा (multiply) करने से पुनः शून्य ही प्राप्त होता है। उदाहरण- (x * 0 = 0)

किसी भी वास्तविक संख्या को शून्य से जोड़ने या घटाने पर पुनः वही संख्या प्राप्त होती है। उदाहरण- (x + 0 = x ; x – 0 = x)


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