Treaty of Versailles in Hindi

Treaty of Versailles in Hindi वर्साय की सन्धि

वर्साय की सन्धि (Treaty of Versailles) प्रथम विश्व युद्ध के अन्त में जर्मनी और गठबन्धन देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रान्स, रूस आदि) के मध्य में हुई थी। मित्र राष्ट्रों ने सर्वप्रथम जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध का अपराधी बताकर उसके प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में वर्साय संधि का मसविदा तैयार किया| 

मई 1919 ईसवी को संधि का मसविदा जर्मन प्रतिनिधियों को सौप दिया गया और उन्हें धमकी दी गई कि यदि वह इस मसविदे पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो उन्हें युद्ध करना पड़ेगा| इस मसविदे पर विचार-विमर्श करने के लिए जर्मन प्रतिनिधियों को केवल दो सप्ताह का समय दिया गया।

प्रथम विश्व युद्ध में पराजित होने के पश्चात जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये| यह संधि 230 पृष्ठों में अंकित थी और इस संधि पत्र में 15 भाग और 440 धाराएं थी| वर्साय संधि की प्रमुख धाराएं निम्नलिखित थी-

1- एल्सस-लॉरेन,मार्स नेट, यूक्रेन, माल्मेडी, अपर साइलेसिअा, मैमल, पोसन आदि प्रदेश जर्मनी से छीन कर फ्रांस, बेल्जियम, लिथुआनिया तथा पोलैंड को दे दिए गए| संधि की शर्तों के अनुसार एल्सस-लोरेन के प्रदेश फ्रांस को वापस दे दिये गये।
2- जर्मनी के राइनलैंड का निरस्त्रीकरण कर दिया गया तथा सार घाटी पर फ्रांस का नियंत्रण स्थापित हो गया|
3- जर्मनी में सार क्षेत्र कोयला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था। इस प्रदेश की शासन व्यवस्था की जिम्मेदारी राष्ट्रसंघ को सौंप दी गई, परन्तु कोयले की खानों का स्वामित्व फ्रांस को दिया गया था|
3- जर्मनी के अफ्रीका तथा एशिया स्थित सभी उपनिवेशों को मैंडेट व्यवस्था के अंतर्गत मित्र राष्ट्रों ने आपस में बांट लिया|
4- जर्मनी कि स्थल सेना की सीमा एक लाख निश्चित कर दी गई तथा जर्मनी की अनिवार्य सैनिक सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
5- जर्मनी की नौसेना पर कठोर प्रतिबंध लगा दिया गया| अब वह 10000 टन के 6 हल्के युद्धपोत,6 हल्की क्रूजर [ मालवाही जहाज] तथा 12 विध्वंसक जहाज ही रख सकता था| उनकी पनडुब्बियां भी छीन ली गई इन पनडुब्बियों को मित्र राष्ट्रों को सौंपने की बात की गई| इसके साथ ही साथ जर्मन सेना के स्टाफ को भंग कर दिया गया|
6- जर्मनी को सबसे अधिक नुकसान पूर्वी सीमा पर उठाना पड़ा। जर्मनी के डेजिंग बंदरगाह पर लीकऑफ नेशन का नियंत्रण स्थापित हो गया||
7- जर्मनी की नदियां तथा नील नहर का अंतर्राष्ट्रीयकरण कर दिया गया|
8- जर्मनी पर युद्ध का भारी हर्जाना थोपा गया और उसे मई, 1921 ईस्वी तक 5 अरब डालर की धन राशि क्षतिपूर्ति के रूप में देने को कहा गया|
9- मोरक्को, मिस्र, बुलगारिया, चीन आदि से प्रात जर्मनी के व्यापारिक अधिकारों को भी समाप्त कर दिया गया|
10- संधि की 231वीं धारा के अनुसार जर्मनी को प्रथम विश्वयुद्ध के लिए के लिए उत्तरदाई ठहराया गया तथा सम्राट कैसर विलियम द्वितीय को युद्ध अपराधी मानकर उस पर मुकदमा चलाने का निश्चय किया गया|

वर्साय की संधि का महत्व-

Importance of Treaty of Versailles in Hindi- वार्साय की संधि को इतिहास में “एक लादी गई शांति” अर्थात् “आरोपित संधि” के नाम से भी जाना जाता है। वर्साय की संधि कठोर, अपमानजनक, आरोपित, एकपक्षीय तथा अन्याय पूर्ण थी|

इस संधि द्वारा जर्मनी को राजनीतिक दृष्टि से अस्थिर, सैनिक दृष्टि से दुर्बल, सामाजिक दृष्टि से अपमानित तथा आर्थिक दृष्टि से पंगु बना दिया गया था| वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था, इसी कारण से इस संधि को एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे|

यह सन्धि द्वितीय विश्व युद्ध के प्रमुख कारणों में से एक थी। इस संधि से जर्मनी को छिन्न-भिन्न कर दिया गया| इस संधि ने उन लोगों की आशाओं पर पानी फेर दिया था जो यह कहा करते थे कि युद्ध का अंत शांति का संदेश लाएगा| यह सही अर्थों में शांति संधि नहीं थी, यह तो दूसरे विश्व युद्ध की घोषणा सिद्ध हुई|

जनरल फाच ने तो संधि- पत्र के निर्माण के समय ही कह दिया था कि- वर्साय की संधि, संधि न होकर 20 वर्षों का एक विराम काल है|,
चर्चिल के अनुसार “इस संधि की आर्थिक शर्तें इस हद तक कलंकपूर्ण तथा निर्बुद्ध थी कि उन्होंने ने इसे स्पष्टतया निरर्थक बना दिया।

विश्व इतिहास के जिन संधियों और उनके प्रभावों की सर्वाधिक चर्चा हुई है, उनमें वर्साय की संधि का विशिष्ट स्थान है। संक्षेप में कहा जाता है कि वर्साय की संधि मित्र राष्ट्र द्वारा बदले की भावना से जर्मनी पर थोपी गई थी| इसलिए ऐसा माना जाता है कि वर्साय की संधि में दूसरे महायुद्ध के कीटाणु निहित थे|


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