महात्मा गाँधी Mahatma Gandhi History Biography in Hindi

महात्मा गाँधी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्राथमिक एवं अग्रणी नेता थे, जिनके विचार हमेशा दुनिया को प्रभावित करेंगे।

Mahatma Gandhi Biography and Essay in Hindi-

महात्मा गाँधी का जन्म भारत के पोरबंदर में 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था| उन्होंने वकालत का अध्ययन किया, तथा भारत में ब्रिटिश राज्य के अधीन एवं दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नागरिको के अधिकारों के लिए कानूनी लड़ाइयां लड़ी।

गांधीजी भारत की स्वतंत्रता आंदोलन के नेता बने, और उन्होंने शांतिपूर्ण रूप से ब्रिटिश संस्थानों के खिलाफ बहिष्कार का आयोजन किया। 30 जनवरी 1948 में उन्हें कट्टरपंथियों द्वारा मार दिया गया था।

राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी का जीवन परिचय (Life History of Mahatma Gandhi in Hindi)-

भारतीय राष्ट्रवादी नेता मोहनदास करमचंद गाँधी, जिन्हें सामान्यतः महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, काठियावाड़, भारत में हुआ था, जो तब ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था।

उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था,और वह पोरबंदर और अन्य पश्चिमी राज्यों में एक मंत्री के रूप में कार्य करते थे| उनकी माता का नाम पुतलीबाई था, वह एक धार्मिक महिला थी, जो नियमित रूप से भगवान् के पाठ एवं उपवास करती थीं।

गांधी जी हिंदू भगवान विष्णु की पूजा करते हुए और कालांतर में जैन धर्म के पालन के बाद, उन्होंने अहिंसा, उपवास, ध्यान और शाकाहार का प्रबल समर्थन किया|

गांधी जी बचपन में बहुत शर्मीली प्रवृति के थे| ऐसा कहा जाता है की वे इतने डरपोक थे, कि अपनी किशोरावस्था में भी वह रोशनी से सोते थे। 13 वर्ष की उम्र में, उनका विवाह एक व्यापारी की बेटी कस्तूरबा से हुआ, जो आगे चलकर इतिहास में कस्तूरबा गांधी के नाम से विख्यात हुईं|

महात्मा गांधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Short Biography In Hindi)

नाम मोहनदास करमचंद गांधी
पिता का नाम करमचंद गांधी
माता का नाम पुतलीबाई
जन्म दिनांक 2 अक्टूबर, 1869
जन्म स्थान गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में
शिक्षा बैरिस्टर
पत्नि कस्तूरबा गांधी [कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया]
संतान 4 पुत्र -: हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
उल्लेखनीय कार्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान [असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन, आदि.]
मृत्यु 30 जनवरी 1948

Mahatma Gandhi information in Hindi-

1885 में, गाँधी जी के पिता करमचंद गाँधी की मृत्यु हो गयी और उसके कुछ समय के पश्चात आपके युवा पुत्र की भी मृत्यु हो गयी| जिससे उन्हें गहरा आघात पहुंचा| गांधी जी डॉक्टर बनने में रुचि रखते थे, किन्तु उनके पिता करमचंद जी को उम्मीद थी कि वह एक सरकारी मंत्री बन सकते हैं, इसलिए उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें कानूनी पेशे में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित किया।

महात्मा गांधी जी ने पश्चिमी संस्कृति के साथ बहुत संघर्ष किया, और इंग्लैंड की राजधानी लंदन में अपने तीन साल के प्रवास के दौरान, वह मांसहीन भोजन के लिए और अधिक प्रतिबद्ध बन गए|

वे लंदन शाकाहारी सोसाइटी की कार्यकारी समिति में शामिल हो गए, और विश्व के अन्य धर्मों के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन के लिए विभिन्न पवित्र ग्रंथों को पढ़ना शुरू कर दिया। 1891 में भारत लौटने पर, गांधी जी को पता चला कि उनकी मां पुतलीबाई की मृत्यु कुछ हफ्ते पहले हो चुकी है।

उन्होंने अपने आपको एक वकील के रूप में स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष किये। अपने पहले अदालत के मामले में वह बहुत घबराये हुए थे, यहाँ तक कि उन्होंने गवाह से कोई भी सवाल नहीं पूंछा| उन्होंने तुरंत अपने मुवक्किल कि फीस लौटाई और अदालत से बहार निकल गए|

भारत में काम पाने के लिए संघर्ष करने के बाद, गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में कानूनी सेवाओं के लिए एक साल का अनुबंध प्राप्त किया। एक और बेटे के जन्म के कुछ ही समय बाद, वह दक्षिण अफ्रीकी राज्य नेटाल, डरबन के लिए अप्रैल 1893 में रवाना हुए।

जब गांधी दक्षिण अफ्रीका पहुंचे, तो उन्हें बहुत ही भयावह नस्लीय भेदभाव जैसी कठिनाइयों से जूझना पड़ा| डरबन अदालत में उनकी पहली उपस्थिति पर उनको अपनी पगड़ी को हटाने के लिए कहा गया था। उन्होंने इनकार कर दिया और अदालत छोड़ दिया।

आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता (Mahatma Gandhi as a Spiritual and Political Leader)-

गांधी के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना 7 जून, 1893 को प्रिटोरिया की ट्रेन यात्रा के दौरान हुई, जब एक आदमी ने प्रथम श्रेणी के रेलवे डिब्बे में उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई, हालांकि उनके पास टिकट था।

उस आदमी ने इसलिए गांधी जी को ट्रेन के पीछे डिब्बे में जाने को कहा क्यूंकि गांधी जी अश्वेत (काळा) व्यक्ति थे| उन्होंने गाड़ी के पीछे जाने से इनकार कर दिया| इस बात से नाराज उन लोगों ने गांधी को जबरन हटा दिया और पिटमैरित्ज़बर्ग में एक स्टेशन पर ट्रेन से बाहर फेंक दिया।

इस घटना के बाद उन्होंने खुद को “रंगभेद की गहरी बीमारी” से लड़ने के लिए समर्पित करने के लिए एक दृढ़ संकल्प उठाया। उन्होंने उस रात को इस समस्या को हल करने और इस प्रक्रिया की कठिनाइयों के बारे में गहन चिंतन किया।

आगे चलकर उस छोटे, नम्र गांधी ने नागरिक अधिकारों के सम्मान के लिए लड़ने के लिए अपने विशाल व्यक्तित्व की पहचान इस सम्पूर्ण संसार को कराइ| भेदभाव से लड़ने के लिए 1894 में गांधी ने नेटाल भारतीय कांग्रेस का गठन किया था।

अपने साल के अनुबंध के अंत में, भारत लौटने से पहले अपनी विदाई पार्टी में उन्होंने नताल विधान सभा में एक विधेयक रखा, जो भारतीयों के मतदान के अधिकार से सम्बंधित था। आप्रवासियों ने गांधी को कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ने और नेतृत्व करने के लिए आश्वस्त किया।

यद्यपि गांधी इस कानून को पास नहीं करा पाए, परन्तु उन्होंने अन्याय और रंगभेद जैसे घोर अपराध पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया।

1896 के अंत में और 1897 की शुरुआत में मोहनदास गाँधी कुछ दिन के लिए भारत आये, और पुनः वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ दक्षिण अफ्रीका लौट गए। कस्तूरबा गाँधी ने दक्षिण अफ्रीका में दो और बेटों को जन्म दिया, एक का जन्म 1897 में और दुसरे का जन्म 1900 में हुआ।

गांधी ने एक संपन्न कानूनी अभ्यास किया, और बोअर युद्ध के शुरू होने पर, उन्होंने ब्रिटिश सरकार को समर्थन देने के लिए 1,100 स्वयंसेवकों का दल भी गठित किया|

उन्होंने यह यह तर्क दिया कि अगर भारतीयों को ब्रिटिश साम्राज्य में नागरिकता के पूर्ण अधिकार प्राप्त करने हैं, तो उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य की मदद करनी ही पड़ेगी|

आगे के वर्षों में गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में ही विश्व धर्मों का अध्ययन करना जारी रखा। उन्होंने अपने समय के बारे में लिखा था, “मेरे भीतर की धार्मिक आत्मा एक जीवंत बल बन गई है”|

उन्होंने खुद को पवित्र हिंदू आध्यात्मिक ग्रंथों में विसर्जित कर दिया और सादगी, तपस्या एवं ब्रह्मचर्य का जीवन अपनाया जो कि भौतिक वस्तुओं से मुक्त था।

1906 में गांधी ने भारतीयों के अधिकारों के लिए अपना पहला सामूहिक असहमति अभियान “सत्याग्रह” (“सच्चाई और दृढ़ता”) का आयोजन किया था। इस विरोध के बाद, सरकार ने 1913 में गांधी जी सहित सैकड़ों भारतीयों को कैद कर के जेल में डाल दिया।

दबाव के तहत, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने गांधी और जनरल जैन क्रिश्चियन स्मट्स द्वारा बातचीत से समझौता किया| जिसमें हिंदू विवाहों की मान्यता शामिल थी, और भारतीयों के लिए एक सर्वेक्षण कर के उन्मूलन शामिल थे।

जब गांधीजी 1914 में दक्षिण अफ्रीका से घर लौट आए, तो स्मुट्स ने लिखा- “संत हमारे तटों को छोड़ चुके हैं, मैं हमेशा उनके लिए प्रार्थना करूंगा”|

भारतीयों की मुक्ति के लिए लड़ाई-

गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में जनप्रिय हो चुके थे, और अब भारतीय राजनीति उनका स्वागत करने के लिए तैयार थी| उस समय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एवं गोपाल कृष्ण गोखले राजनीति के मैदान में ब्रिटिश हुकूमत का डट कर मुकाबला कर रहे थे| उन्होंने गांधी जी का स्वागत किया एवं गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानी बन गए|

गांधी जी ने अहमदाबाद के पास साबरमती के तट पर अपने आश्रम की स्थापना की एवं वहीं से भारत की कोटि-कोटि जनता का मार्गदर्शन करने लगे|

प्रथम विश्व युद्ध के प्रकोप के समय में लंदन में कई महीने बिताने के बाद, गांधी जी 1915 में भारत लौट आए, जो अभी भी अंग्रेजों के नियंत्रण में था, और सभी जातियों के लिए अहमदाबाद में एक आश्रम की स्थापना की। एक सरल लंगोली और शाल पहने हुए, गांधी जी प्रार्थना, उपवास और ध्यान के प्रति समर्पित एक सरल जीवन जी रहे थे। आगे चलकर वह “महात्मा” के रूप में जाने गए, जिसका अर्थ है “महान आत्मा।”

सन 1919 में महात्मा गांधी जी का एक राजनीतिक जन्म हुआ, जब एक नया अधिनियम रोलेट एक्ट पारित हुआ| जिसमे अंग्रेजों के अधिकारियों ने बिना मुकदमे के ही राजद्रोह के संदिग्ध लोगों को कैद करना प्रारम्भ कर दिया|

इस एक्ट के विरोध में, गांधी ने एक शांतिपूर्ण विरोध और सत्याग्रह अभियान की मांग की। परन्तु इस विरोध में कुछ हिंसा भड़की जो 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलिया वाले बाग़ के नरसंहार में खत्म हुई| जब ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर की अगुआई में सैनिकों ने मशीन बंदूकों से निहत्थे प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलियां चलायीं और लगभग 400 बेगुनाह लोग मारे गए |

जलिया वाले बाग़ की घटना के पश्चात गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपनी सेवा के लिए अर्जित पदों को वापस लौटा दिया और विश्व युद्ध के लिए भारतीयों का ब्रिटेन के सहयोग का भी विरोध किया|

स्वतंत्रता आंदोलन एवं जेल यात्राएं-

भारत की स्वतंत्रता के लिए गांधीजी ने कई देशव्यापी आंदोलनों को चलाया| उन्होंने चरखे को स्वतंत्रता का प्रतीक बनाया और अहिंसा को इन आंदोलनों का सबसे बड़ा अस्त्र बताया|

स्वतंत्रता आंदोलन के इस कर्मठ सिपाही को अनेक बार जेल यात्राएं भी करनी पड़ी| उन्होंने सन 1942 ईस्वी में मुंबई अधिवेशन में नारा दिया अंग्रेजों भारत छोड़ो| अब अंग्रेजी हुकूमत ने मन ही मन यह समझ लिया था, कि उन्हें भारत को स्वतंत्र करना ही पड़ेगा और भारत से जाना ही पड़ेगा, अंततः गांधीजी की नीति की विजय हुई और भारत को सन 1947 ईस्वी में स्वतंत्रता प्राप्त हुई|

महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन-

गोपाल कृष्ण गोखले और बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के बाद भारत की राजनीति में गांधी युग का प्रारंभ हुआ| गांधी युग में भारत की राजनीति में गांधीजी का स्थान सर्वोपरि था| जीवन के अंतिम समय तक गांधी जी को भारत की जनता का असीमित प्रेम मिलता रहा|

वे भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु थे| 30 मार्च 1919 को दिल्ली में हड़ताल हुई, हड़तालियों पर गोलियां चलायी गई, इसके पश्चात सारे देश में हड़ताल और सभाएं हुई| 13 अप्रैल 1919 ईस्वी को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ और अनेक निर्दोष व्यक्ति मारे गए और घायल हुए|

पंजाब के हत्याकांड से दुखी होकर गांधी जी ने 1920 ईस्वी में असहयोग आंदोलन छेड़ दिया, किंतु चौरी चौरा कांड के कारण 1922 ईस्वी में इसे वापस ले लिया| इस आंदोलन के कारण भारत की जनता में नई चेतना का संचार हुआ और उसमें अंग्रेजी शासन के विरुद्ध घृणा उत्पन्न हो गई|

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महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन-

14 फरवरी 1930 इसवी को साबरमती में कांग्रेस कार्यकारिणी की एक सभा में महात्मा गांधी को सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाने का अधिकार प्रदान किया गया| मार्च 1930 ईस्वी में गांधी जी ने नमक कानून के विरुद्ध सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया|

गांधी जी ने नमक कानून भंग करने के उद्देश्य से अपने 79 चुने हुए सहयोगियों के साथ इतिहास प्रसिद्ध दांडी यात्रा की थी| 6 अप्रैल 1930 को गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया इससे जनता में संघर्ष की ज्वाला भड़क उठी| ब्रिटिश सरकार के विरोध में स्थान स्थान पर हड़ताल तथा प्रदर्शन हुए तथा अनेक लोग जेल भी गए|

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गांधी जी का भारत छोड़ो आंदोलन-

गांधी जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अंतिम बार 8 अगस्त 1942 को एक आंदोलन प्रारंभ करने का निश्चय किया| इस आंदोलन को भारत छोड़ो आंदोलन कहा जाता है|

जापान के द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने के पश्चात भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ गई| अतः गांधी जी ने भारतवासियों को “करो या मरो (Do Or Die)” के लिए तैयार होने को कहा|

8 अगस्त 1942 से को महात्मा गांधी के परामर्श बंबई में कांग्रेस के अधिवेशन में भारत छोड़ो प्रस्ताव पास किया गया, किंतु ब्रिटिश शासन इतनी सुगमता से भारत छोड़ने के लिए तैयार नहीं था| अतः वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने प्रस्ताव पास होने के दूसरे दिन ही समस्त प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार करा लिया और कांग्रेस पार्टी गैरकानूनी घोषित कर दी गई|

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महात्मा गांधी के महान आदर्श-

गांधीजी का ईश्वर में अटल विश्वास था और उन्होंने सत्य को ईश्वर का ही दूसरा नाम बताया| उनका मानना था सदाचार ही धर्म होता है और सारे धर्मों में समभाव पैदा करने के लिए सत्याग्रह का सहारा लिया|

उनका यह मानना था की हिंसा को अहिंसा से एवं अन्याय को शांतिमय तरीके से पराजित किया जा सकता है| अपनी अहिंसा की नीति से अत्याचारी ब्रिटिश शासन की मजबूरियों को हिला डाला और अंततः ब्रिटिश हुकूमत को भारत छोड़कर जाना पड़ा|

गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे परंतु उनकी अहिंसा में गिरता निडरता एवं दृढ़ संकल्प भी विद्यमान थे| सत्य अहिंसा एवं धर्म का राजनीति में प्रयोग करके गांधी जी ने एक अद्भुत आदर्श प्रस्तुत किया था|

उनकी कथनी और करनी में कोई भी अंतर नहीं हुआ करता था| उन्होंने रामराज्य को अपना आदर्श घोषित किया जिसमें आसुरी शक्ति तानाशाही एवं हिंसा का कोई स्थान नहीं था|

गांधीजी के समाज सुधार के कार्य-

गांधीजी का योगदान एक समाज सुधारक के रूप में अतुलनीय है| उन्होंने जातिवाद, छुआछूत, दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा, बहुविवाह नशाखोरी एवं सांप्रदायिक भेदभाव जैसी बुराइयों को मिटाने के लिए निरंतर संघर्ष किया|

जातिवाद और छुआछूत को मिटाने के लिए उन्होंने सबसे अधिक प्रयास किया और अछूतों को हरिजन (अर्थात हरि के जन) कहकर सामाजिक सम्मान दिलाया|

गांधी जी की मृत्यु-

Mahatma Gandhi Death History in Hindi-

सन 1947 में भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली और अभी देश की स्वतंत्रता को एक वर्ष भी न बीता था, कि 30 जनवरी सन 1948 ईसवी की संध्या को नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने अपने रिवाल्वर की गोलियों से गांधीजी की हत्या कर दी|

30 जनवरी सन 1948 ईसवी को भारत का यह महान संत, पीड़ित मानवता का एकमात्र आश्रय और विश्व का महान व्यक्तित्व सदा सदा के लिए संसार से विदा हो गया| उस महानुभाव की मृत्यु से सारा संसार आवाक सा रह गया मानवता चीख उठी किंतु गांधी जी मर कर भी अमर हो गए|

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने उनकी मृत्यु के बारे में कहा था- प्रकाश बुझा नहीं क्योंकि वह तो हजारों लाखों व्यक्तियों के हृदय में प्रकाशित हो चुका है|

महात्मा गांधी और भारत का विभाजन-

जैसा की हम जानते हैं की ब्रिटेन ने भारत पर सन 1947 तक हुकूमत की थी, और जब ब्रिटेन के लोग भारत को छोड़कर जा रहे थे, तब वे भारत के सामने एक बहुत गंभीर समस्या को छोड़कर जा रहे थे| वह समस्या थी- भारत के विभाजन की समस्या|

ब्रिटेन ने मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुसलमानो के समर्थन से भारत को विभाजित करने की योजना बनायीं, और वे इस काम में सफल भी हुए| भारत के विभाजन को लेकर गाँधी जी के क्या मत थे, इस सम्बन्ध में अनेक इतिहासकारों अनेक मत दिए हैं, परन्तु गाँधी जी इस विभाजन के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने अपनी सभाओं में यह कहा की यह देश हर संप्रदाय और धर्म के साथ चल सकता है, और हर धर्म के लोग यहाँ शांतिपूर्वक एक साथ रह सकते हैं।

परन्तु बाद में परिस्थितियों के अनुरूप महात्मा गाँधी इस विभाजन के लिए सहमत हुए, और अंततः भारत दो भागों में विभाजित हो गया|

Brief History of Mahatma Gandhi in Hindi-

  • महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था|
  • जब उनकी उम्र 13 वर्ष की थी तब उनकी शादी कस्तुरबाई मकानजी के साथ हुई थी।
  • उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए नमक मार्च का नेतृत्व किया।
  • महात्मा गांधी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 5 बार नामांकित किया गया था|
  • गाँधी जी को महात्मा का खिताब सन 1914 में दिया गया था।
  • गांधी ने पांच साल के लिए अपने आहार में सिर्फ फल, नट्स और बीजों को शामिल किया था लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने के बाद पुनः शाकाहारी भोजन को अपनाया।
  • ग्रेट ब्रिटेन, जिस देश के खिलाफ उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी, उस देश ने महात्मा गाँधी की मृत्यु के 21 साल बाद उनको सम्मानित करने के लिए एक टिकट जारी किया।
  • गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को हुई थी।
  • महात्मा गांधी की अंत्येष्टि में लोगों का जुलूस लगभग 8 किलोमीटर लंबा था|

Mahatma Gandhi quiz questions and answers in Hindi-

इस पार्ट में आप Mahatma Gandhi quiz questions and answers in Hindi में जानेंगे, इसके अतिरिक्त गांधीजी से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्यों (Mahatma Gandhi GK Questions in hindi) की जानकारी प्राप्त करेंगे-

प्रश्न- महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु का नाम क्या था?
उत्तर- महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु का नाम गोपाल कृष्ण गोखले था|

प्रश्न- महात्मा गांधी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता किसने कहा था?
उत्तर- महात्मा गांधी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता सुभाष चंद्र बोस ने कहा था|
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1944 में सिंगापुर से रेडियो पर सर्वप्रथम महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था| भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी महात्मा गांधी की मृत्यु पर राष्ट्र के संबोधन में उन्हें “राष्ट्रपिता” कहकर पुकारा था।

प्रश्न- महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में किस पत्रिका का प्रकाशन किया था?
उत्तर- दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए गांधीजी ने इंडियन ओपिनियन नामक अखबार भी प्रकाशित किया था, यह अखबार हिंदी, गुजराती तमिल और अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित होता था|

प्रश्न- दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी कितने वर्ष तक रहे थे?
उत्तर- 1893 में गांधीजी अफ्रीका गए थे और जनवरी 1915 में भारत वापस लौटे,अर्थात गांधीजी लगभग 21 वर्ष तक दक्षिण अफ्रीका में थे|

प्रश्न- टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर- टॉल्स्टॉय फार्म 1910 में दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसवाल क्षेत्र में गांधी द्वारा शुरू किया गया एक समुदाय था। यह उस समय सत्याग्रह (अहिंसा) के अभियान का मुख्यालय बन गया था।

प्रश्न- नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना किसने की थी?
उत्तर- नटाल इंडियन कांग्रेस (NIC) एक संगठन था जिसका लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के खिलाफ भेदभाव से लड़ना था| महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में 1894 में नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी, इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने अन्य सहयोगियों की सहायता से टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना की थी|

प्रश्न- नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर- सन 1894 में|

प्रश्न- फीनिक्स फार्म की स्थापना कब, कहां और किसने की थी?
उत्तर- सन 1904 गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में फीनिक्स फार्म की स्थापना की थी| महात्मा गांधी द्वारा स्थापित प्रथम आश्रम फिनिक्स आश्रम ही था|

प्रश्न- गांधीजी ने सत्याग्रह की रणनीति में किसे सबसे अंतिम स्थान बताया है?
उत्तर- गांधीजी ने अपनी सत्याग्रह की रणनीति में “हड़ताल” को सबसे अंतिम स्थान बताया है जबकि उन्होंने “उपवास” को सबसे अधिक प्रभावकारी अस्त्र घोषित किया था|

प्रश्न- गांधीजी के अनुसार सत्याग्रही का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर- सत्याग्रही का उद्देश्य शत्रु को पराजित करना होता है|

प्रश्न- परिवार नियोजन के लिए महात्मा गांधी ने कौन सा तरीका बताया था|
उत्तर- आत्म नियंत्रण|

प्रश्न- महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से वापसी भारत में कब हुई थी?
उत्तर- सन 1915|

प्रश्न- महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में हिस्सा लिया था?
उत्तर- कोलकाता अधिवेशन, सन 1901
सन 1901 में कलकत्ता अधिवेशन में गांधी जी ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में हिस्सा लिया था और इस अधिवेशन में उनको सर फिरोजशाह मेहता, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले जैसे कांग्रेस नेताओं से मिलने का अवसर मिला।

प्रश्न- महात्मा गांधी ने साबरमती के निकट किस आश्रम को बनाया था?
उत्तर- सत्याग्रह आश्रम|
सत्याग्रह आश्रम गुजरात के अहमदाबाद जिले के कोचरब नामक स्थान पर सन 1915 में बनाया गया था|

प्रश्न- असहयोग आंदोलन कब हुआ था?
उत्तर- 1920- 22|

प्रश्न- भारत में स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान सबसे पहले सत्याग्रह किसने किया था?
उत्तर- सन 1917 में बिहार के चंपारण से महात्मा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान सर्वप्रथम सत्याग्रह प्रारंभ किया था|

प्रश्न- चंपारण का सत्याग्रह कब हुआ था?
उत्तर- 1917 में|
सन् 1917-18 में बिहार के चम्पारण जिले में एक सत्याग्रह हुआ था, जिसको हम चंपारण सत्याग्रह के नाम से जानते हैं|

प्रश्न- अहमदाबाद मिल हड़ताल कब हुई थी?
उत्तर- फरवरी- मार्च 1918 में|

प्रश्न- खेड़ा आंदोलन कब हुआ था?
उत्तर- 1918 को|
ब्रिटिश राज की अवधि के दौरान 1918 में गुजरात के खेड़ा जिले में खेड़ा सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी| यह सत्याग्रह मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा प्रेरित तीसरा सत्याग्रह आंदोलन था, यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण विद्रोह था|

प्रश्न- महात्मा गांधी ने जॉन रस्किन की किस पुस्तक का अध्ययन किया था जिसका प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा था?
उत्तर- अंटू दिस लास्ट (Unto This Last)|
दक्षिण अफ्रीका में लंबी ट्रेन यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की एक दोस्त ने उन्हें जॉन रस्किन द्वारा लिखित अंटू दिस लास्ट पुस्तक दी गई थी, इस पुस्तक का गहरा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा था| इस पुस्तक का संदेश “व्यक्ति का कल्याण सबके कल्याण में निहित है” गांधी जी को बहुत पसंद आया और इसी संदेश ने गांधीजी के जीवन की दशा और दिशा को बदल दिया|

प्रश्न- विदेशी वस्त्रों की बर्बादी ही उनके साथ सर्वोत्तम व्यवहार है” यह कथन किसका है?
उत्तर- महात्मा गांधी का|

**महात्मा गांधी दार्शनिक अराजकतावाद के समर्थक थे, उनके रामराज्य के युगल सिद्धांत “सत्य और अहिंसा” थे|

**महात्मा गांधी के अनुसार राजनीति का मतलब “जन कल्याण के लिए सक्रियता” था|

**गांधी जी भारत के स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा नहीं थे|

Short Speech on 2nd October (Gandhi Jayanti) in Hindi-

हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन, एक महान नेता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था उन्होंने भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया था| महात्मा गांधी का दर्शन और अहिंसा के विचार ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए भारत के लोगों का नेतृत्व किया|

इसी कारणवश इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी कहा जाता है| गांधी जी की शिक्षाओं के अनुसार अहिंसा विनाश के किसी भी सबसे शक्तिशाली हथियार की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली है। महात्मा गांधी को “राष्ट्र पिता” के रूप में जाना जाता है क्योंकि भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनकी शिक्षाएं अब भी हर भारतीय के खून में शामिल है।

भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की है| उन्होंने गांधी जयंती के दिन को सरकारी कर्मचारियों के लिए गैर-छुट्टी के दिन के रूप में घोषित किया और उस दिन उनको अपने कार्यालयों में स्वच्छता जागरूकता लाने के निर्देश दिए।

विश्व के सभी देशो में लोग 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन, स्कूल और कॉलेज बंद रहता है लोग अनेक प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करते हैं और महात्मा गांधी द्वारा किए गए काम पर भाषण देते हैं, जिससे लोगों को महात्मा गांधी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो|

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करम चांद गांधी लोकप्रिय है जिसे बापू के नाम से भी जाना जाता है। 1914 में महात्मा गांधी के प्रयास, भारतीय राहत अधिनियम पारित किया गया था। वह सत्याग्रह आंदोलन के साथ ही असहयोग आंदोलन के अग्रणी सदस्य थे।

उन्होंने ऐतिहासिक दांडी मार्च का भी नेतृत्व किया 1942 में, उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन भी शुरू किया| उनके द्वारा किए गए कार्यों से ब्रिटिश शासन की जड़े हिल गई और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली|


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