बेबीलोनिया की सभ्यता History of Babylonia in Hindi

Bebiloniya ki Sabhyata-

सुमेरिया की सभ्यता के बाद बेबीलोनिया की सभ्यता का जन्म हुआ| इस सभ्यता का क्षेत्र भी वही क्षेत्र था जहां पर सुमेरिया की सभ्यता का जन्म हुआ था| इतिहासकारों के मतानुसार बेबीलोनिया के लोग संभवता अरब के रेगिस्तान के घुमक्कड़ लोग थे, और इन लोगों ने 2000 ईसापूर्व के आसपास के समय में सुमेर पर विजय प्राप्त की और बेबीलोन को अपनी राजधानी बनाया| बेबीलोन को राजधानी बनाए जाने के कारण इस सभ्यता को लोगों ने बेबीलोनिया की सभ्यता का नाम दिया|

सामाजिक जीवन-

सुमेरिया की सभ्यता की भांति बेबीलोनिया की सभ्यता भी तीन वर्गों में विभाजित थी- उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग एवं निम्न वर्ग| उच्च वर्ग के लोगों में पुरोहित तथा समाज के संपन्न व्यक्ति आते थे जबकि मध्यम वर्ग के लोगों में व्यापारियों एवं किसानों को रखा गया था| निम्न वर्ग में दास वर्ग के लोग आते थे|

बेबीलोनिया की सभ्यता का राजनीतिक जीवन-

बेबिलोनिया सभ्यता की राजधानी बेबीलोन थी, और यहां का सर्व प्रमुख शासक हम्मूराबी था| हम्मूराबी ने बेबीलोन में 2123 ईसापूर्व से 2080 ईसापूर्व तक शासन किया था| हम्मूराबी को विश्व का प्रथम कानून निर्माता माना जाता है और हम्मूराबी की विधि संहिता आज भी चर्चा में रहती है|

आर्थिक जीवन-

सुमेरिया की सभ्यता की ही तरह बेबीलोनिया की सभ्यता के लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि था| इस सभ्यता की भूमि बहुत उपजाऊ थी अतः किसानों को कृषि कार्य में कोई व्यवधान नहीं होता था, परिणाम स्वरुप फसल अच्छी होती थी और इस सभ्यता के किसान संपन्न थे|

बेबीलोनिया की सभ्यता की कला-

बेबीलोन की सभ्यता में इमारतों का विकास हुआ और इस सभ्यता के निवासी इमारतों के बड़े ही कुशल निर्माता थे| इस सभ्यता के निवासियों ने कई नगरों को बसाया और नगर के चारों ओर दीवारें भी बनवाई| इस सभ्यता में सुंदर एवं बांध भी बनाए गए थे जिनसे कृषि कार्य को सुनियोजित किया जा सके| इस काल में मूर्तियों को भी बनाया गया, इसके अतिरिक्त इस सभ्यता के मंदिरों में चित्रकला देखने को मिलती है|

लिपि, शिक्षा एवं साहित्य-

बेबीलोनिया में हम्मूराबी के शासन से पूर्व ”कीलाकार लिपि” का प्रयोग किया जाता था| हम्मूराबी के शासनकाल में इस सभ्यता के लोगों ने सुमेरिया की कीलाकार लिपि में सुधार करके उसे ही अपना लिया| इतिहासकारों के मतानुसार कीलाकार लिपि में 300 शब्द थे|

वैज्ञानिक प्रगति-

बेबिलोनिया के निवासी कला शिक्षा एवं साहित्य के अतिरिक्त वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बहुत संपन्न थे| इस सभ्यता के निवासियों ने खगोल शास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र में प्रगति की| यह लोग जोड़, गुणा भाग तथा घटाना आदि गणितीय सूत्रों से परिचित थे|

इस सभ्यता के निवासियों ने गणित के क्षेत्र में काफी प्रगति की थी और गुणा की पद्धति का अविष्कार भी इसी सभ्यता के लोगों ने किया था| इस सभ्यता के लोगों ने जल घड़ी एवं सूर्य घड़ी का भी निर्माण किया था|

बेबीलोनिया की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक थी| यह सभ्यता बहुत ही उन्नत एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सक्षम थी|

इसी सभ्यता के कारण विश्व में ज्योतिष का प्रसार भी हुआ और ऐसा माना जाता है कि इस सभ्यता ने ही ग्रहों, नक्षत्रों आदि का नामकरण किया| इस सभ्यता के लोगों को मीनारें, गुंबदे, मस्जिदे आदि बनाने का ज्ञान प्राप्त था, उन्होंने यह ज्ञान पूरे विश्व को प्रदान किया|


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