
विज्ञान वरदान या अभिशाप निबंध Vigyan Vardan ya Abhishap
जैसा की हम सभी जानते हैं कि आज का युग वैज्ञानिक चमत्कारों का युग है और इन चमत्कारों के पीछे विज्ञान का बहुत बड़ा हाथ है| आज हम सभी के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने आश्चर्यजनक रुप से क्रांति ला दी है, विज्ञान के नए-नए चमत्कारों ने हमारे जीवन को हर मायने में बदल के रख दिया है|
आज हमारे समाज की संपूर्ण गतिविधियां विज्ञान से ही परिचालित हो रही है और इसी के इर्द-गिर्द घूमती दिखाई पड़ती है| विज्ञान कुछ मायनों में आज के मनुष्य का भाग्य विधाता बन गया है|
आज विज्ञान के ही वरदान (Vardan) के कारण ही मनुष्य ने अज्ञात रहस्यों की खोज में आकाश की ऊंचाइयों से लेकर पाताल की गहराइयों तक अपनी छाप छोड़ी है और रोज नई नई खोज, इन सारे क्षेत्रों में विज्ञान के वरदान से संभव हो पा रही है|
विज्ञान ने हम सभी के जीवन को हर तरफ से इतना प्रभावित कर दिया है कि आज विज्ञान शून्य विश्व की कोई कल्पना नहीं कर सकता|
जिस तरह से विज्ञान ने मनुष्य को असीम ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, उसी तरह से कुछ रूप में विज्ञान के अविष्कारों का दुरुपयोग भी किया जा रहा है, और इस स्थिति में हमें यह सोचना पड़ता है कि विज्ञान को वरदान समझा जाए या एक अभिशाप (Abhishaap)|
प्रदूषण पर निबंध पढ़ने के लिए क्लिक करें 👉 Essay on Pollution in Hindi Language
विज्ञान वरदान है या अभिशाप ( Science a boon or curse ), इस विषय पर किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले हमें विज्ञान के दोनों पक्षों पर समन्वित दृष्टि से विचार करना होगा-
विज्ञान- वरदान के रुप में (Science as Boon)-
जैसा की हम सभी जानते हैं की आधुनिक मानव का संपूर्ण जीवन विज्ञान के ही वरदानों के आलोक से आलोकित है| सुबह उठने से लेकर रात के शयन तक के सभी क्रियाकलाप विज्ञान के द्वारा ही प्रदान किए गए साधनों के सहारे ही संचालित होते हैं|
आज के इस नए युग में मनुष्य जितने भी साधनों का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करता है वह सब विज्ञान के ही वरदान है और विज्ञान के चमत्कारों के कारण ही यह सब संभव हो सका है| इसीलिए यह भी कहा जाता है कि आज का मनुष्य विज्ञान के माध्यम से प्रकृति पर विजय पा चुका है|
विज्ञान के वरदान ( Vigyan ke Vardan | Boon and blessings of Science) अग्रलिखित है-
संचार के क्षेत्र में-
विज्ञान के वरदानों ने संचार के क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है, आज आकाशवाणी,तार, टेलीफोन, मोबाइल फोन, दूरदर्शन, फैक्स, इमेल, रेडियो की सहायता से कोई भी समाचार पल भर में विश्व के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाया जा सकता है और यह सब विज्ञान के ही चमत्कारों से संभव हो सका है|
इसके अतिरिक्त कृत्रिम उपग्रहों ने संचार के क्षेत्र में और भी अधिक चमत्कार किया है, कृत्रिम उपग्रहों से अब नई नई जानकारियां हमें क्षण भर में ही प्राप्त हो जाती है|
पर्यावरण पर निबंध पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 👉 Essay on Environment in Hindi
शिक्षा के क्षेत्र में-
विज्ञान ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अधिक योगदान दिया है, इंटरनेट एवं कंप्यूटर जिसका साक्षात उदाहरण है| इसके अतिरिक्त मुद्रण यंत्रों के अविष्कार ने बड़ी संख्या में पुस्तकों का प्रकाशन संभव बनाया है और विज्ञान के ही चमत्कारों के फलस्वरूप आज समाचार पत्र, पत्रिकाएं आदि हमारे समाज के हर घर में पहुंचकर लोगों का ज्ञानवर्धन कर रही है|
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में-
जैसे-जैसे मानव सभ्यता ने विज्ञान के क्षेत्र में नए नए आयामों को पाया, उसी तरह मानव समाज को नए-नए भयानक रोग एवं संक्रामक रोग भी प्राप्त हुए, परंतु आज मानव इन भयानक और संक्रामक रोगों से बच सकता है और यह सब विज्ञान के ही वरदान से संभव हो सका है|
आज विज्ञान के चमत्कार के कारण हम अल्ट्रासाउंड टेस्ट, एक्सरे, एंजियोग्राफी, सीटी स्कैन आदि परीक्षणों के माध्यम से किसी भी मानव शरीर के अंदर के रोगों का पता शीघ्र एवं सरलता पूर्वक लगा सकते हैं, और शीघ्रातिशीघ्र उसका उपचार भी कर सकते हैं|
यही नहीं विज्ञान के चमत्कारों से ही नेत्रहीनों को नेत्र, कर्णहीनों को कान और अंगहीनों को अंग भी प्रदान करना संभव हो सका|
और निबंध पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें दहेज़ प्रथा पर निबंध
कृषि के क्षेत्र में-
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत की जनसंख्या लगभग 130 करोड़ है, और इस 130 करोड़ जनसंख्या वाला देश आज यदि कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तीव्रता से अग्रसर हो सका है तो इसका संपूर्ण श्रेय हम विज्ञान को ही दे सकते हैं|
विज्ञान ने आज किसान को अत्यधिक विकसित तकनीक, उत्तम से उत्तम बीज, कीटनाशक, रासायनिक उर्वरक और बिजली प्रदान की है| विज्ञान की ही मशीनों के कारण आज छोटे बड़े बांधों का निर्माण करना संभव हो सका है, जिनसे नहरें निकालकर किसान को उसकी आवश्यकता के अनुसार पानी सुदूर क्षेत्रों तक भी पहुंचाया जा सकता है|
दैनिक जीवन में-
जैसा की हम सभी जानते हैं के विद्युत की अविष्कारों ने मानव जीवन की दैनिक सुख सुविधाओं को बहुत अधिक बढ़ा दिया है, विद्युत आविष्कार वाशिंग मशीन हमारे कपड़े धोती है, इलेक्ट्रिक प्रेस से हम अपने कपड़े प्रेस कर सकते हैं, विद्युत अविष्कारों का उपयोग करके हम अपना भोजन भी पकाते हैं|
इन्हीं अविष्कारों के कारण ही हमें सर्दियों में गर्म एवं गर्मियों में शीतल जल उपलब्ध होता है, और सर्दी एवं गर्मी दोनों से ही ये अविष्कार हमारी रक्षा करते हैं|
औद्योगिक क्षेत्र में-
विज्ञान की वरदान से ही भारी मशीनों का निर्माण संभव हो सका और इन भारी मशीनों ने ही बड़े-बड़े कल कारखानों का विस्तार किया, इन मशीनों के कारण ही श्रम धन एवं समय की बचत होने लगी और साथ ही साथ अत्यधिक मात्रा में उत्पादन भी संभव हो सका|
इन मशीनों के कारण ही आज बड़े से बड़े जनसमूह को आवश्यक वस्तुएं शीघ्रता एवं सरलता से सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराई जा सकती हैं|
यातायात के क्षेत्र में-
प्राचीन काल में जब मनुष्य को किसी लंबी यात्रा पर जाना होता था तो उस यात्रा को पूर्ण करने में वर्षों लग जाते थे, परंतु आज विज्ञान के इस दौर में रेल, जलपोत, मोटर, वायुयान आदि के अविष्कारों से दूर से दूर स्थानों पर भी शीघ्रता से पहुंचा जा सकता है|
परिवहन एवं यातायात की उन्नति से ही व्यापार के क्षेत्र में नई राहें खुली और विज्ञान के कारण ही व्यापार अपनी असीम ऊंचाइयों तक पहुंचा|
मनोरंजन के क्षेत्र में-
दूरदर्शन, आकाशवाणी चलचित्र आदित्य अविष्कारों ने मनोरंजन को सस्ता एवं सुलभ बनाकर मनुष्य को उच्च कोटि का मनोरंजन प्राप्त कराया है|
विज्ञान अभिशाप के रूप में (Science as Curse)-
जैसा की कहा जाता है हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह विज्ञान की अच्छाइयों के साथ साथ इसका एक पक्ष और भी है वह विज्ञान की बुराइयां|
विज्ञान हमें असीम शक्ति तो प्रदान कराता ही है, परंतु उसकी अच्छाइयां और बुराइयां इस बात पर निर्भर करती हैं कि मनुष्य इसका इस्तेमाल कैसे करता है|
हम सभी जानते हैं कि मनुष्य में दो प्रकार की प्रवृत्ति होती है एक दैवीय प्रवृत्ति और दूसरी आसुरी या राक्षसी प्रवृत्ति|और जब मनुष्य पर उसकी राक्षसी प्रवृत्तियां प्रबल होती हैं तो विज्ञान के वरदान एकाएक से विज्ञान के अभिशाप (Abhishap) के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं|
आज मनुष्य नए नए हथियारों एवं बमों का आविष्कार कर रहा है जिससे मानव सभ्यता के अस्तित्व पर एक बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है, और इसे हम विज्ञान के सबसे बड़े अभिशाप के रूप में देख सकते हैं|
उपरोक्त दोनों बिंदुओं को देखते हुए हम यह कह सकते हैं की विज्ञान एक तलवार है जिसका प्रयोग हम आत्मरक्षा में भी कर सकते हैं और दूसरों के प्राण लेने में भी कर सकते हैं, और यह पूर्णतया हम मनुष्यों पर निर्भर करता है कि हम विज्ञान का उपयोग एक वरदान के रूप में करते हैं या एक अभिशाप के रूप में|
Related Articales
Recently Posted
-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण, गुण
June 24, 2022. -
हाइड्रोकार्बन क्या है? प्रकार, उपयोग Hydrocarbon in Hindi
June 22, 2022. -
कमायचा वाद्य यंत्र क्या है? Kamaycha Vadya Yantra
June 22, 2022. -
What is Density? Definition, Units and Formulas
June 21, 2022. -
किरचॉफ का नियम क्या है? Kirchhoff's Law in Hindi
June 18, 2022.