ग्राम पंचायत और उसके कार्य

Gram Panchayat ki Jankari-

विलेज कॉउन्सिल (Village Council) को हम ग्राम पंचायत के नाम से जानते हैं| ग्राम पंचायत गांव स्तर पर पंचायती राज प्रणाली की आधारशिला है| पंचायती राज प्रणाली के अनुसार, ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद हैं।

इस प्रणाली को 1973 में 73 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा अधिनियमित किया गया था। प्रत्येक गांव में (जहां की जनसंख्यां 1 हज़ार से ज्यादा है) एक ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) होगी, जोकि एक निर्वाचित अध्यक्ष (ग्राम प्रधान) द्वारा संचालित होती है| इनका कार्यकाल 5 साल का होता है| ग्राम पंचायत के कार्य ग्रामीणों की समस्याओं पर निर्भर करते हैं|

Gram Panchayat Details in Hindi

गांव और नगर के जीवन और रहन-सहन में बहुत अंतर है, जैसे-जैसे विज्ञान और तकनीक गांव में बढ़ती जा रही है वैसे वैसे यह अंतर कम होता जा रहा है, इसके अलावा ग्राम पंचायत के सराहनीय कार्यो ने गांव और नगर के जीवन के अंतर को काफी कम किया है|

गांव में अधिकतर लोग पहले किसान हुआ करते थे परंतु अब वह किसानी के साथ-साथ व्यवसाय इत्यादि में भी पारंगत हो रहे हैं| वर्तमान समय में लगभग देश की 70% आबादी गांव में ही निवास करती है और इनका मुख्य कार्य खेती, पशुपालन व छोटे-मोटे व्यवसाय होते हैं|

कम से कम एक हजार की आबादी पर एक ग्राम पंचायत होती है और जिन गांव की आबादी 1000 से कम होती है वहां आसपास के अन्य छोटे-छोटे गांव को मिलाकर एक ग्राम पंचायत बनाई जाती है| एक ग्राम पंचायत उन सभी गांव के लिए कार्य करती है जिन गांवों को मिलाकर एक ग्राम पंचायत बनाई जाती है|

ग्राम पंचायत का चुनाव-

ग्राम पंचायत अर्थात ग्राम प्रधान का चुनाव मतदान द्वारा गांव के नागरिकों द्वारा किया जाता है| इसके अलावा ग्राम पंचायत समिति के सदस्यों में से ही एक सदस्य को बहुमत के आधार पर उपप्रधान के लिए चुना जाता है|

ग्राम प्रधान की अनुपस्थिति में उसे ग्राम सभा का उपप्रधान ही वहां के कार्यों की देखरेख करता है| ग्राम प्रधान, उप प्रधान तथा ग्राम पंचायत समिति के सदस्य यह तीनों गांव की जनता द्वारा ही चुने जाते हैं और गांव की जनता की सुख सुविधा के लिए कार्यरत होते हैं|

इनको जनता का प्रतिनिधि भी कहा जाता है| यदि कोई सदस्य अपने काम को ठीक से नहीं करता है तो उसे पंचायत समिति से हटाया भी जा सकता है|

ग्राम पंचायत के कार्य-

Gram Panchayat ke karya in Hindi-
गांव के विकास के लिए बहुत सारे कार्य ग्राम पंचायत के अधीन होते हैं, ग्राम पंचायत इन कार्यों को अपनी जिम्मेदारी से कार्यान्वित करता है| ग्राम पंचायत के कार्य अग्रलिखित हैं-

1- ग्राम पंचायत कृषि संबंधी कार्य की रूपरेखा तैयार करती है और कृषि संबंधी व्यवधानों को अपने स्तर पर ठीक करती है|
2- ग्राम पंचायत गांव के चतुर्मुखी विकास की जिम्मेदारी का निर्वहन करती है|
3- ग्राम पंचायत प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय व अनौपचारिक शिक्षा संबंधी कार्य करती है|
4- युवा कल्याण सम्बंधी कार्यों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती है|
5- राजकीय नलकूपों की मरम्मत व रखरखाव का कार्य ग्राम पंचायत करती है|
6- ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सम्बंधी कार्य की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होती है|
7- ग्राम पंचायत महिला एवं बाल विकास सम्बंधी कार्य को करती है|
8- पशुधन विकास सम्बंधी कार्य
9- समस्त प्रकार की पेंशन को स्वीकृत करने व वितरण का कार्य ग्राम पंचायत का होता है|
10- छात्रों को प्राप्त समस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों को स्वीकृति करने व वितरण का कार्य ग्राम पंचायत का होता है|
11- राशन की दुकान का आवंटन व निरस्तीकरण ग्राम पंचायत के कार्यों के अंतर्गत आती है|
12- पंचायती राज सम्बंधी ग्राम्यस्तरीय कार्य आदि।

ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में अंतर-

Gram Sabha aur Gram Panchayat men Antar-
1- ग्राम सभा में एक गांव (या गांवों के एक समूह) के सभी वयस्क (18 वर्ष से ऊपर) के सदस्य होते हैं। जबकि ग्राम पंचायत एक छोटी सी संस्था है जिसके सदस्य ग्राम सभा के वयस्कों द्वारा चुने जाते हैं|
2- ग्राम पंचायत का कार्य आम तौर पर 5 वर्ष है, जबकि ग्राम सभा स्थायी निकाय है और इसकी अवधि निर्धारित नहीं है|
3- ग्राम पंचायत ग्राम सभा का कार्यकारी अंग है। ग्राम सभा ग्राम पंचायत के काम का मूल्यांकन करती है और मूल्यांकन करती है।

ग्राम प्रधान को कैसे पद से मुक्त किया जा सकता है?

अगर ग्राम प्रधान या उप प्रधान गाँव की प्रगति के लिए ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं तो उन्हें पद से हटाया भी जा सकता है। किसी भी प्रधान को समय से पहले पदमुक्त करने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को एक लिखित सूचना दी जानी चाहिए|

इस सूचना में ग्राम पंचायत के आधे सदस्यों के हस्ताक्षर होने ज़रूरी होते हैं। इस सूचना में प्रधान को पदमुक्त करने के सभी कारणों का उल्लेख सविस्तार में होना चाहिए। हस्ताक्षर करने वाले ग्राम पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यों का जिला पंचायती राज अधिकारी के सामने उपस्थित होना अनिवार्य होगा। 

सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर जिला पंचायत राज अधिकारी गाँव में एक बैठक आयोजित करेगा, इस बैठक की सूचना कम से कम 15 दिन पहले दी जाएगी। बैठक में उपस्थित तथा वोट देने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से प्रधान एवं उप प्रधान को पदमुक्त किया जा सकता है।

ग्राम पंचायत समिति-

गांव में रहने वाले लोगों के द्वारा ग्राम पंचायत समिति का सदस्य चुना जाता है| ग्राम पंचायत समिति के सदस्यों की संख्या गांव की जनसंख्या पर निर्भर करती है|

ग्राम पंचायत समिति का सदस्य होने के लिए किसी व्यक्ति की न्यूनतम उम्र 21 साल होनी चाहिए इसके साथ ही साथ वह व्यक्ति उस गांव का निवासी हो| इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत समिति का सदस्य होने के लिए सबसे महत्वपूर्णयोग्यता यह है कि वह व्यक्ति किसी भी न्यायालय द्वारा कोई सजा ना पाया हो, और साथ ही साथ वह व्यक्ति पागल या दिवालिया ना हो| 

18 वर्ष की उम्र के पश्चात सभी स्त्री व पुरुष अपने मत का प्रयोग करके ग्राम पंचायत समिति के सदस्य का चुनाव कर सकते हैं| पंचायत समिति के सदस्यों की संख्या 9 से लेकर 15 तक हो सकती है, यह संख्या उसे ग्राम सभा की कुल जनसंख्या के आधार पर निर्धारित होती है, जिसका विवरणनिम्न लिखित है-

ग्राम सभा की कुल जनसंख्या ग्राम पंचायत समिति के सदस्यों की संख्या
1000 9
2000 11
3000 13
3000 से अधिक 15

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