Bhartiya Rashtriya Congress History in Hindi भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी तरह की दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने राजनीतिक दलों में से एक है| शुरुआती दिनों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का गठन ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की मांग के लिए नहीं किया गया था, बल्कि इसका गठन शिक्षित व्यक्तियों के समूह को एक साथ एक मंच पर लाने के लिए किया गया था।

1.5 करोड़ से अधिक सदस्यों और 7 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Bhartiya Rashtriya Congress ki Sthapna Kisne Ki

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर, 1885 में की गई थी। भारत के सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी एलेन ओक्टोवियन ह्युम (A.O.Hume- मूल रूप से स्कॉटलैंड निवासी थे) ने कांग्रेस के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

एओ ह्यूम ने थियोसॉफिल सोसायटी के 17 सदस्यों को साथ लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी बनाई। इसका पहला अधिवेशन मुंबई में हुआ जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W. C Banerjee) ने की थी, बनर्जी कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रमुख वक़ील थे।

कांग्रेस के पहले अधिवेशन के महासचिव ए ओ ह्यूम थे| कांग्रेस का पहला अधिवेशन पुणे में होना निश्चित हुआ था, परंतु पुणे में हैजा फैलने के कारण यह अधिवेशन मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में रखा गया|

उस समय भारतीय राजनीति दो दलों में बटी हुई थी- पहला दल था नरम दल और दूसरा दल था गरम दल| गरम दल का कहना था कि हमें ब्रिटिश हुकूमत से किसी भी कीमत पर संपूर्ण आजादी चाहिए जबकि नरम दल ब्रिटिश हुकूमत के अंतर्गत ही स्वशासन की मांग करता था।

जब महात्मा गांधी साल 1915 में भारत वापस आए, तब उन्हें इसकी अध्यक्षता सौंपी गई। शुरुआत में यह पार्टी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं हुआ करती थी| साल 1919 में भारत में महात्मा गांधी कांग्रेस के प्रतीक पुरुष बन चुके थे,और उसके बाद से यह पार्टी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सीधे तौर पर सम्मिलित होने लगी थी|

Q- कांग्रेस के मूल संगठन का नाम क्या था?
Ans- कांग्रेस के मूल संगठन का नाम भारतीय राष्ट्रीय संघ था।
एओ ह्यूम ने 1974 में ही एक संगठन की स्थापना की थी, जिसका नाम भारतीय राष्ट्रीय संघ रखा गया था। आगे चल कर दादाभाई नौरोजी ने भारतीय राष्ट्रीय संघ संगठन का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रखने का सुझाव दिया, जो स्वीकार कर लिया गया।

Q- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अधिवेशन में शामिल होने वाले प्रमुख सदस्यों के नाम क्या थे?
Ans- कांग्रेस के पहले अधिवेशन में कुल 72 सदस्य शामिल हुए। जिनमें दादा भाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, दीनशा एडलजी वाचा, काशीनाथ तैलंग, बी राघवाचारी, एस सुब्रह्मण्यम आदि थे। इन सभी सदस्यों की विशेषता यह थी कि यह सभी अंग्रेजी भाषा को बहुत ही अच्छी तरीके से जानते थे| इन सदस्यों में प्रमुख रूप से वकील, व्यापारी और जमींदार श्रेणी के व्यक्ति थे|

Q- जिस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई उस समय भारत का वायसराय कौन था?
Ans- लॉर्ड डफरिन उस समय भारत के वायसराय थे| लॉर्ड डफरिन का कार्यकाल 1884 से 1888 तक था| लॉर्ड डफरिन ने कांग्रेस को “सूक्ष्मदर्शी अल्पसंख्यकों की संस्था” का नाम देकर इसका मजाक उड़ाया था|

Q- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष कौन थे?
Ans- बदरुद्दीन तैयबजी कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष थे| इन्हें कांग्रेस के तीसरे अधिवेशन के लिए कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था| कांग्रेस का तीसरा अधिवेशन 27-28 दिसंबर 1887 को मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में हुआ था|

Q-कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष और प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष कौन थी?
Ans- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट और प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष श्रीमती सरोजनी नायडू थी| सरोजनी नायडू 1925 में कानपुर में हुए कांग्रेस के 40वें अधिवेशन में अध्यक्ष बनी थी|

Q- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन कब और कहां हुआ था?
Ans- कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन 1886 में कोलकाता में हुआ था| इस अधिवेशन की अध्यक्षता दादा भाई नौरोजी ने की थी| दादा भाई नौरोजी ने 1893 ( लाहौर अधिवेशन) और 1906 में कोलकाता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी|

Q- कांग्रेस का प्रथम निर्वाचित यूरोपीय अध्यक्ष कौन था?
Ans- जॉर्ज यूले कांग्रेस का प्रथम निर्वाचित यूरोपीय अध्यक्ष था| जॉर्ज यूले ने कांग्रेस के चतुर्थ अधिवेशन की अध्यक्षता की थी, यह अधिवेशन 1888 में इलाहाबाद में हुआ था|

Q- लाल बाल पाल की तिकड़ी में से कौन सा एक व्यक्ति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष हुआ था?
Ans- लाला लाजपत रायबाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल की तिकड़ी को लाल बाल पाल की तिकड़ी के नाम से जाना जाता है| इस तिकड़ी में से लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे| लाला लाजपत राय 1920 में हुए कोलकाता के विशेष अधिवेशन में भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने| बाल गंगाधर तिलक ने अंतिम रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन 1919 में भाग लिया था पर वह इसके अध्यक्ष नहीं थे|

Q- “कांग्रेस आंदोलन ना तो लोगो द्वारा प्रेरित था, ना ही यह उनके द्वारा सोचा या योजनाबद्ध किया गया था” यह कथन किसका है?
Ans- सर सैयद अहमद खान|

Q- कांग्रेस लीग समझौता या लखनऊ समझौता क्या है?
Ans- बाल गंगाधर तिलक तथा एनी बेसेंट के प्रयासों से मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच में समझौता हुआ, इस समझौते को हम लखनऊ समझौता या कांग्रेस लीग समझौता के नाम से जानते हैं| भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लखनऊ अधिवेशन 1916 में हुआ था, और इसी समय लखनऊ समझौता हुआ था| इसी अधिवेशन में बाल गंगाधर तिलक ने कहा था- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर रहूंगा|

Q- किस अधिवेशन में कांग्रेस दो भागों (नरम दल और गरम दल) में विभाजित हो गया था?
Ans. सूरत अधिवेशन (1907 ई.)

Q- ब्रिटिश कमेटी ऑफ इंडिया की स्थापना क्यों की गई थी?
Ans- सन 1889 में कांग्रेस के लिए समर्थन प्राप्त करने के लिए ‘ब्रिटिश कमेटी ऑफ इंडिया’ की स्थापना की गई थी| इस कमेटी की स्थापना लंदन में की गई थी और इसके अध्यक्ष विलियम डिग्बी थे| इंडिया नामक साहित्यिक पत्र भी इस कमेटी द्वारा निकाला गया था|

Q- कांग्रेस का पिता किसे कहा गया?
Ans- कांग्रेस के संस्थापक ए ओ ह्यूम को कांग्रेस के 27वें अधिवेशन में कांग्रेस का पिता कहा गया| यह अधिवेशन 1912 में बांकीपुर, बिहार में हुआ था|

Q- मद्रास अधिवेशन 1894 के अध्यक्ष कौन थे?
Ans- अलफ्रेड वेब|

Note- लॉर्ड कर्जन का कथन था कि- “कांग्रेस पतन के लिए लड़खड़ा रही है, मेरी सबसे बड़ी अभिलाषा, जब तक मैं भारत में हूं, कांग्रेस की शांतिपूर्ण समाप्ति में सहयोग करना है|”

Note- कांग्रेस के 31वें अधिवेशन (1915) में लॉर्ड वेलिंगटन हिस्सा लिया था और उस समय वह मुंबई का गवर्नर था|

Note- जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर अधिवेशन (1929), लखनऊ अधिवेशन(1936) तथा फैजपुर अधिवेशन (1937) की अध्यक्षता की थी|

Note- जन गण मन पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था| वंदे मातरम् को पहली बार कलकत्ता अधिवेशन (1896) में गाया गया था|

Q- हिंदी भाषा के लिए रोमन लिपि लागू करने की वकालत किसने की थी?
Ans- सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन की अध्यक्षता की थी और उन्होंने हिंदी भाषा के लिए रोमन लिपि लागू करने की वकालत की थी| हरिपुरा अधिवेशन 1938 में हुआ था| हरिपुरा गुजरात में है|

Q- भारत की स्वतंत्रता के उपरांत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त करने का सुझाव किसने दिया था?
Ans- महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त करने का सुझाव दिया था|

Q- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था?
Ans- लाहौर अधिवेशन|

Q- भारत की स्वतंत्रता के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष कौन था?
Ans- भारत की स्वतंत्रता के समय जे बी कृपलानी कांग्रेस के अध्यक्ष थे|

Q- महात्मा गांधी ने कब कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की थी?
Ans- महात्मा गांधी ने सन 1924 में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता की थी| यह अधिवेशन बेलगांव में हुआ था|


Related Articales

Logo

Download Our App (1Mb Only)
To get FREE PDF & Materials

Download