बहुव्रीहि समास Bahuvrihi Samas Examples in Hindi

Bahuvrihi Samas in Hindi

इस आर्टिकल में आप बहुव्रीहि समास क्या होता है? और बहुव्रीह समास के उदाहरण (Bahuvrihi Samas Examples in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे|

Bahuvrihi Samas Definition in Hindi-

बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas) में कोई भी पद प्रधान नहीं होता, परन्तु इन दोनों शब्दों से मिलकर बना तीसरा शब्द प्रधान पद होता है| अर्थात जब दो शब्दों के मिश्रण से एक तीसरे प्रमुख पद का निर्माण होता है तो वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है| जैसे-
चक्रधर, लंबोदर, गजानन, दशांनन, इत्यादि ।

बहुव्रीहि समास की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  • बहुव्रीहि समास दो या दो से अधिक पदों का होता है ।
  • इस समास का विग्रह शब्दों या पदों में न होकर वाक्यों में होता है।
  • इसके पदों के अर्थ से अलग अर्थ प्रधान होता है ।
  • इसका पहला पद प्रायें: कर्ताकारक होता है अथवा विशेषेण|
  • इस समास से बने पद विशेषण होते हैं।

Bahuvrihi Samas Examples in Hindi

यहाँ पर हमने बहुव्रीहि समास के 20 से ज्यादा उदाहरण (More than 20 examples of Bahuvrihi Samas) प्रस्तुत किये हैं, ये उदाहरण कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में पूंछे जा चुके है-
बहुव्रीहि समास के उदाहरण:

  • चारपाई – चार हैं पाए जिसमें अर्थात खाट
  • चतुर्भुज – चार है भुजाएं जिसकी अर्थात विष्णु
  • पंचानन – पांच है आनन जिसके अर्थात सिंह
  • षटकोण – षट (छह) कोण है जिसमें (वह आकृति)
  • दशानन – दस आनन (मुख) वाला अर्थात रावण
  • बारहसिंगा – बारह सींगा है जिसके ऐसा मृग विशेष
  • गजानन – गज के समान मुख्य जिसका अर्थात गणेश
  • नीलकंठ – नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव
  • लंबोदर – लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात गणेश
  • चंद्रमुखी – चंद्र के समान मुख् है जिसका (कोई स्त्री)
  • चक्रधर – चक्र को धारण करने वाला अर्थात विष्णु
  • पीतांबर – पीत (पीले) अंबर (वस्त्र) है जिसके अर्थात कृष्ण
  • चंद्रशेखर – चंद्र है शेखर (मस्तक) पर जिसके अर्थात शिव
  • घनश्याम – घन के समान श्याम है जो अर्थात कृष्ण
  • अजातशत्रु – नहीं पैदा हुआ जो शत्रु जिसका (कोई व्यक्ति)
  • महात्मा – महान है आत्मा जिसकी (व्यक्ति विशेष)
  • दिगंबर – दिशाएं ही है वस्त्र जिसके अर्थात नग्न
  • गिरिधर – गिरी (पर्वत) को धारण करने वाला अर्थात कृष्ण
  • सुलोचना – सुंदर है लोचन (नेत्र) जिसके (स्त्री विशेष)
  • पतझड़ – पत्ते झड़ते हैं जिसमें वह ऋतु

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