फ्रांस की क्रांति French Revolution History in Hindi
French Revolution information in Hindi-
फ्रांस के इतिहास में फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल और आमूल परिवर्तन की अवधि थी| फ्रांस की सरकारी सरंचना फ्रांस की क्रांति से पहले कुलीन और कैथोलिक पादरियों के लिए सामंती विशेषाधिकारों के साथ पूर्णतया राजशाही पद्धति पर आधारित थी, परन्तु इस क्रांति के उपरांत इस व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन हुए और अब फ्रांस की पद्धति नागरिकता और अविच्छेद्य अधिकारों के प्रबोधन सिद्धांतों पर आधारित हो गयी|
आधुनिक यूरोपीय इतिहास में फ्रेंच क्रांति 1789 में शुरू हुई और इसका अंत 1790 के दशक की समाप्ति के साथ हुआ| फ्रांसीसी क्रांति (France Ki Kranti) अमेरिकी क्रांति की तरह ही आत्मज्ञान आदर्शों से प्रभावित थी। यद्यपि यह क्रांति अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रही और इस क्रांति में कुछ अराजकता से खून भी बिखरे, परन्तु इन सभी बाधाओं को परास्त करते हुए इस क्रांति ने लोगों के समर्थन से फ्रांस को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की|
फ्रांसीसी क्रांति 1789 से 1799 तक अर्थात 10 साल तक चली। इस क्रांति की शुरुआत 14 जुलाई, 1789 को तब हुई, जब क्रांतिकारियों ने बैस्टिल नामक एक जेल से अपने हक़ और अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई।
इस क्रांति की समाप्ति 1799 में हुई, जब नेपोलियन नामक एक जनरल ने क्रांतिकारी सरकार को उखाड़ फेंका और फ्रेंच वाणिज्य दूतावास की स्थापना की। नेपोलियन ने खुद को इस दूतावास के प्रमुख नेता के रूप में रखा|
Important points-
- फ्रांस की क्रांति कब हुई?- 1789 में
- फ्रांस की क्रांति किसके शासन काल में हुई?- यह क्रांति लूई सोलहवां के शासनकाल में हुई|
18वीं सदी में फ्रांस में स्वेच्छाचारी और निरंकुश शासकों की सड़ी-गली पुरातन व्यवस्था चल रही थी| इस व्यवस्था को पुरातन व्यवस्था का नाम इसलिए दिया गया था क्योंकि यह प्राचीन तानाशाही साम्राज्यवादी व्यवस्था का ही अंग थी| फ्रांस का तत्कालीन तानाशाह शासक लुई सोलहवां एवं उसकी विवेकहीन रानी इस व्यवस्था के पक्षधर थे|
इसी पुरातन व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से फ्रांस मे सन 1789 मैं क्रांति का उदय हुआ| यह क्रांति (France ki Kranti) एक ऐसी बाढ़ थी, जो अपने साथ अधिकांश बुराइयों को बहा कर ले गई|
फ्रांस की क्रांति के कारण-
Reason of French Revolution in Hindi-
फ्रांस की क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित है;-
A- फ्रांस की क्रांति के राजनीतिक कारण-
1- राजाओं की मनमानी-
फ्रांस के राजा स्वेच्छाचारी तथा निरंकुश थे| वह राजा के” दैवी अधिकारों” में विश्वास करते थे और स्वयं को ईश्वर का प्रतिनिधि मानते थे| इसलिए वह जनता के प्रति अपना कोई कर्तव्य नहीं समझते थे|
2- राजाओं द्वारा अपव्यय-
फ्रांस के राजा वहां की जनता पर नए कर लगाते रहते थे जिससे वह बहुत सारा धन अपने विलासितापूर्ण कार्यों में खर्च करते थे| इन करो से जनता को बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ता था परंतु जनता के सुख एवं दुख से राजा को कोई चिंता नहीं थी इस कारण वहां की जनता में इस राजशाही तंत्र के लिए बहुत आक्रोश था| राजा जनता की खून पसीने की कमाई का अपव्यय कर रहे थे| यह बात सहन न कर सकी|
3- व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अभाव-
राजा के दरबारियों के पास’ अधिकार- पत्र’ होते थे जिन पर राजा की मोहर लगी होती थी| दरबारी जिसे कैद करना चाहते , उसका नाम अधिकार पत्र पर लिख देते थे| इस प्रकार न जाने कितने लोगों को फ्रांस की जेलों में रहना पड़ा|
4- प्रांतों में असमानता-
फ्रांस के भिन्न भिन्न प्रांतों में भिन्न भिन्न प्रकार के कानून प्रचलित थे| इसके साथ ही साथ हर प्रांत में अलग-अलग तरह के कर भी लगाए गए थे| धनी निर्धन वर्ग के लिए अलग-अलग कानून थे| कर एवं कानून में असमानता के कारण वहां की जनता को बहुत अधिक परेशानियां उठानी पड़ रही थी तथा उन में असंतोष भी पनप रहा था| और यही असंतोष आगे चलकर Kranti के रूप में उभरकर सामने आया|
5- उच्च वर्ग के विशेष अधिकार-
फ्रांस में कुलीन वर्ग तथा कैथोलिक चर्च के पादरी को विशेष अधिकार मिले हुए थे, इन विशेष अधिकारों का प्रयोग वे आम जनता पर करते थे और साथ ही साथ जनता पर अनेक तरह के अत्याचार करते थे| इन अत्याचारों ने फ्रांस की जनता के मन में कुलीन वर्ग एवं कैथोलिक चर्च के प्रति बहुत असंतोष भर दिया|
6- सेना में असंतोष-
फ्रांस की सेना में सैनिकों के साथ कई तरह के भेदभाव किए जाते थे| साधारण सैनिकों के लिए उन्नति के द्वार बंद थे, जिस कारण सेना में असंतोष भी फ्रांस की राज्य- क्रांति का एक कारण बना|
7- अमेरिका का स्वाधीनता संग्राम-
अमेरिका के स्वाधीनता संग्राम का फ्रांस की जनता पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा| संग्राम के फायदे के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना ने भी भाग लिया था| इससे फ्रांस के क्रांतिकारियों ने सशक्त प्रेरणा प्राप्त की|
B- फ्रांस की क्रांति के सामाजिक कारण-
फ्रांस की सामाजिक दशा बड़ी खराब थी| वहां का समाज निम्नलिखित तीन वर्गों में बंटा हुआ था:-
1- पादरी वर्ग- इस वर्ग में कैथोलिक चर्च के पादरी आते थे| उन दिनों चर्च फ्रांस में एक अलग राज्य के समान था| चर्च की अपनी सरकार तथा कर्मचारी थे| चर्च को लोगों पर कर लगाने के साथ और भी अधिकार प्राप्त थे| चर्च जनता पर एक कर लगाता था जिसको टिथ (Tithe) कहा जाता था| यह कर किसानों से उनकी आय का 10% भाग वसूल करता था, जिससे किसानों की आय का एक बड़ा हिस्सा पादरियों के हिस्से में चला जाता था जिस कारण से उच्च पादरियों का जीवन भोग-विलास से परिपूर्ण था|
2- कुलीन वर्ग- इस वर्ग में बड़े-बड़े सामंत, उच्च सरकारी अधिकार तथा राज्य परिवार के सदस्य सम्मिलित थे| उन्हें अनेक विशेष अधिकार प्राप्त थे, जिनके द्वारा वे जनता का शोषण करते थे| जनसाधारण का इस वर्ग के प्रति भारी आक्रोश क्रांति का प्रमुख कारण बना|
3- जनसाधारण वर्ग- इस वर्ग में मजदूर, कृषक, सामान्य शिक्षित वर्ग तथा सामान्य जनता आती थी| इस वर्ग को एस्टेट (Estate) कहा जाता था| ईश्वर के शिक्षित लोगों को भी शासन में भाग लेने का अधिकार नहीं था, जब की धनी वर्ग के कम शिक्षित व्यक्तियों को यह अधिकार प्राप्त था| इस वर्ग में आने वाले धनवान तथा शिक्षित लोगों को भी कोई विशेष अधिकार प्राप्त नहीं था| इसी कारण क्रांति प्रारंभ होते ही जनसाधारण ने क्रांति का जोरदार समर्थन किया|
C- फ्रांस की क्रांति के आर्थिक कारण-
1-जनता का आर्थिक शोषण-
लंबे तथा खर्चीले युद्ध, राजदरबार की शान- शौकत तथा उच्च वर्ग के विलास प्रिय जीवन हेतु धन प्राप्त करने के लिए आम जनता तथा कृषकों की आय का 80 से 92% तक करों के रूप में ले लिया जाता था| करो के ऐसे भारी बोझ से जनता कराह उठी|
2- उच्च वर्ग करो से मुक्त-
फ्रांस में उच्च वर्ग तथा पादरियों पर कोई कर नहीं लगाया जाता था, जबकि आम जनता करो से भारी बोझ से दबा जा रही थी|
3- विलासी और अपव्यई राज दरबार-
फ्रांस के राजा बड़े ही विलासी और अपव्यई थे| वह सरकारी धन को पानी की तरह बहा ते थे| फलस्वरुप राजकोष खाली हो गया था और फ्रांस पर रीड का बोझ दिन- प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था|
4- अमेरिका को वित्तीय सहायता-
फ्रांस ने इंग्लैंड से बदला लेने के लिए अमेरिका को सैनिक तथा वित्तीय सहायता दी| इससे फ्रांस की आर्थिक दशा और खराब हो गई|
D- दार्शनिकों का प्रभाव-
फ्रांस जैसी दशा यूरोप के लगभग सभी देशो में थी, फिर भी फ्रांस के दार्शनिकों एवं लेखकों के क्रांतिकारी विचारों के परिणाम स्वरुप फ्रांस में ही सबसे पहले क्रांति हुई| रूसो, मॉन्टेस्क्यू तथा वाल्टेयर जैसे महान दार्शनिकों- विचार को ने फ्रांस के निवासियों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक बुराइयों का ज्ञान कराया|
इन दार्शनिकों के विचारों ने राज्य में क्रांति की भावना का आरंभ किया| इन दार्शनिकों के क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित होकर फ्रांस की जनता में एक बौद्धिक जागृत फैल गई और यहां के निवासी न्याय, स्वतंत्रता और समानता की स्थापना के लिए प्रयत्नशील हो गए|
E- तात्कालिक कारण-
1788 में फ्रांस के अनेक भागों में भीषण अकाल पड़ा| लोग भूख से तड़प तड़प कर मरने लगे| राजकोष की बिगड़ी हुई दशा सुधारने के लिए लुई 16 में निर्णय करों (Tax) का प्रावधान किया| इन करों को पार्लेमा [पार्लियामेंट] ने मंजूरी नहीं दी|
उस ने सुझाव दिया कि उन्हें’ एताजेनेरो [स्टेट्स जनरल] की सहमति से लागू किया जाए|’ एताजेनेरो’के अधिवेशन के दौरान मतदान से संबंधित बात पर विवाद पैदा हो गया| गतिरोध जारी ही था कि लुईस अलावे में भारी तनाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सेना एकत्र करने के आदेश दे दिए| इससे पेरिस की जनता भड़क उठी| उसने युद्ध सामग्री एकत्रित की और बास्तील के किले पर आक्रमण कर दिया|
फ्रांस की क्रांति के परिणाम
France Ki Kranti ke Parinam- फ्रांस की जनसाधारण वर्ग की दशा बहुत ही सोचनीय थी और उसका जीवन अनेक कष्टों से भरा हुआ था| इसके परिणाम स्वरुप सन 1789 ईसवी में फ्रांस में एक खूनी क्रांति हुई और इस क्रांति में शीघ्र ही एक भीषण रूप धारण कर लिया|
इस क्रांति के परिणाम स्वरुप फ्रांस में निरंकुश राजतंत्र का अंत हुआ और एक लोकतांत्रिक शासन की स्थापना की गई| इस क्रांति में फ्रांस का सम्राट लुई सोलहवां एवं उनकी रानी मेरी आंतोआंत और उनके हजारों साथियों को गुलोटीन द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया|
लुई सोलहवां फ्रांस का अत्यंत अयोग्य एवं अदूरदर्शी सम्राट था| उसकी योग्यता एवं अदूरदर्शिता ने फ्रांस के जनमानस पर बहुत ही ज्यादा कुठाराघात किया और उच्च वर्ग के लिए वहां के जनसाधारण में बहुत ज्यादा असंतोष व्याप्त था|
फ्रांस की क्रांति ने फ्रांस के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया। इस क्रांति ने राजशाही, सामंतवाद को समाप्त कर दिया, और कैथोलिक चर्च से राजनीतिक शक्ति को उखाड़ फेंका। इस क्रांति ने स्वतंत्रता के साथ-साथ गुलामी के उन्मूलन और महिलाओं के अधिकारों की दशा और दिशा बदल दी।
1789 फ्रांस की क्रांति के परिणाम
1789 की फ्रांस की क्रांति विश्व इतिहास की युगांतरकारी घटना थी| इस क्रांति के फ्रांस तथा विश्व पर बड़े दूरगामी प्रभाव पड़े, जो निम्नलिखित है-
- फ्रांस की क्रांति के फलस्वरुप यूरोप में निरंकुश शासन का लगभग अंत हो गया|
- फ्रांस की क्रांति की देखादेखी यूरोप के अन्य देशों में भी क्रांतियां हुई|
- फ्रांस की क्रांति से प्रेरित होकर अन्य राज्यों के शासकों ने शासन- व्यवस्था में अनेक सुधार किए तथा जन- कल्याण के कार्य प्रारंभ किए|
- यूरोपीय देशों में लोकतांत्रिक सिद्धांतों का प्रसार हुआ|
- समानता, स्वतंत्रता तथा बंधुत्व के सिद्धांतों ने विश्व की राजनीति में हलचल मचा दी|
- इंग्लैंड में लोकतंत्र आंदोलन को बल मिला, जिससे वहां संसदीय सुधारों का ताता लग गया|
- अमेरिका महाद्वीप के अनेक देशों ने पुर्तगाल तथा स्पेन के उपनिवेशों को समाप्त करके गणतंत्र स्थापित कर ली|
- संसार के अनेक राष्ट्रों में वयस्क मताधिकार का प्रचलन प्रारंभ हुआ|
- फ्रांस की क्रांति में धर्मनिरपेक्ष राज्य की अवधारणा को जन्म दिया और लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत का प्रतिपादन किया|
- इस क्रांति ने सदियों से चली आ रही यूरोप की पुरातन सामंती व्यवस्था का अंत कर दिया|
- फ्रांस के क्रांतिकारियों द्वारा की गई’ मानव और नागरिकों’ के जन्मजात अधिकारों की घोषणा [ 27 अगस्त 1789 ] मानव- जाति की स्वाधीनता के लिए बड़ी महत्वपूर्ण है
- इस क्रांति ने इंग्लैंड, आयरलैंड तथा अन्य यूरोपीय देशों की विदेश- नीति को प्रभावित किया|
- कुछ विद्वानों के अनुसार फ्रांस की क्रांति समाजवादी विचारधारा का स्रोत थी, क्योंकि स्नेह समानता का सिद्धांत प्रतिपादित कर समाजवादी व्यवस्था का मार्ग भी खोल लिया था|
- इस क्रांति के फलस्वरुप फ्रांस ने कृषि, उद्योग, कला, साहित्य, राष्ट्रीय शिक्षा तथा सैनिक गौरव के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति की|
यह भी जानें- इंग्लैंड की क्रांति , Russian Revolution History in Hindi , 1857 की क्रांति
Important Questions and Answers related to French Revolution in Hindi
1. ‘क्रांति’ शब्द से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: ‘क्रांति’ शब्द का अर्थ एक ऐसे महत्वपूर्ण परिवर्तन से है जिसका प्रभाव हर क्षेत्र में दिखाई दे|
2. उस समय पेरिस में क्या अफवाह फैल गई?
उत्तर: उस समय पेरिस में अफवाहें फैल गईं कि राजा ने अपने सैनिकों को शहर में जाने की आज्ञा दी थी और जल्द ही सैनिकों को नागरिकों पर गोलीबारी करने का आदेश दिया था।
3. ऐसी कौन सी प्रमुख घटना थी जिससे फ्रांस की क्रांति फैल गई।
उत्तर: बैस्टिल राज्य जेल पर थर्ड एस्टेट द्वारा हमला किया गया और कैदियों को मुक्त कर दिया जिससे इस क्रांति की शुरुआत हुई|
4. 1774 में फ्रांस के राजा के पद पर कौन आसीन हुआ?
उत्तर: लुई XVI
5. लुई ने किसके साथ शादी की थी?
उत्तर: लुई की शादी मैरी एंटोनीटेट के साथ हुई थी।
6. फ्रांसीसी राजतंत्र की क्या गतिविधियों ने क्रांति तेज कर दी?
उत्तर: राजतन्त्र की राजशाही जीवन शैली ने फ्रांस को दिवालिएपन की कगार पर ला दिया था जिससे जनता में असंतोष था और इस बात ने क्रांति को तेज़ी दी।
7. लुइस किस उम्र में फ्रांस के राजा बने?
उत्तर: जिस समय लुई XVI फ्रांस के राजा के पद पर आसीन हुए उस समय उनकी उम्र 20 वर्ष की थी।
8. 1789 के फ्रांसीसी क्रांति क्यों हुई थी?
उत्तर: 1789 की फ्रांसीसी क्रांति लिबर्टी, समानता और बंधुता के विचारों के लिए हुई थी|
9. लिबर्टी, समानता और बंधुता की शर्तों को स्पष्ट करें।
उत्तर: लिबर्टी शब्द का अर्थ है स्वतंत्रता, समानता का मतलब उच्च और निम्न वर्गों में सामानता और बंधुता का उपयोग भाईचारे के लिए होता है।
10. फ्रांस का राजा किस परिवार का था?
उत्तर: राजा बोर्नबोन परिवार का था।
11. फ्रांस में उस समय कितने किसान थे?
उत्तर: फ्रांस की कुल आबादी का 90 प्रतिशत।
12. पेरिस में दंगों का तात्कालिक कारण क्या था?
उत्तर: “रोटी की उच्च कीमत” पेरिस में दंगे का तात्कालिक कारण थी|
13. टाउन हॉल के सामने कितने लोग इकट्ठे हुए?
उत्तर: टाउन हॉल के सामने लगभग 7000 पुरुष और महिलाएं इकट्ठे हुए थे|
14. “पुरानी व्यवस्था” शब्द का क्या मतलब है?
उत्तर: 1789 से पहले फ्रांस की संस्थाओं और संस्थाओं का वर्णन करने के लिए “पुराना शासन” या “पुरानी व्यवस्था” शब्द आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
Related Articales
Recently Posted
-
भगवान गौतम बुद्ध जीवन परिचय | Gautam Buddha in Hindi
December 15, 2022. -
कार्बन के अपररूप Allotropes of Carbon in Hindi
November 5, 2022. -
मिश्र धातु किसे कहते हैं? उपयोग, नाम, गुण Alloy in Hindi
July 27, 2022. -
गलनांक किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण Melting Point in Hindi
July 20, 2022. -
परिमाप किसे कहते हैं? Perimeter in Hindi
July 19, 2022.