फिटकरी का रासायनिक सूत्र क्या होता है?

फिटकरी का उपयोग वर्तमान समय में अनेक उद्योगों में हो रहा है, प्रमुख रूप से इसका उपयोग आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने में होता है| फिटकरी सफेद, लाल, पीले, काले आदि रंग की होती है|

Potash Alum in Hindi-

पोटाश एलम को हम साधारण तौर पर फिटकरी के नाम से जानते हैं|

फिटकरी का रासायनिक सूत्र क्या होता है?

पोटेशियम एलुमिनियम सल्फेट का द्विक लवण है| फिटकरी का रासायनिक नाम पोटेशियम एलुमिनियम सल्फेट है| फिटकरी का रासायनिक सूत्र K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O होता है| इसे पोटाश फिटकरी भी कहा जाता है|

फिटकरी बनाने का समीकरण-

फिटकरी पोटैशियम एल्यूमीनियम सल्फेट का द्विक लवण होती है और पोटेशियम सल्फेट (K2SO4) तथा एलुमिनियम सल्फेट (Al2(SO4)3) के जलीय घोल का सांद्रण करने पर द्विक लवण (फिटकरी) के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं| फिटकरी बनाने का समीकरण निम्नलिखित है-

K2SO4 + Al2(SO4)3 + 24H2O → K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O

फिटकरी के भौतिक गुण-

  • फिटकरी एक रंगहीन, क्रिस्टलीय, अल्प पारदर्शक पदार्थ है|
  • यह जल में विलेय होती है तथा इसका जलीय विलयन अम्लीय होता है|
  • फिटकरी में 24 अणु क्रिस्टलन जन उपस्थित होता है|

फिटकरी के रासायनिक गुण-

ऊष्मा का प्रभाव-
पोटाश फिटकरी को जब 90 डिग्री सेल्सियस तापमान तक गर्म किया जाता है तो या पिघल जाती है, इसके आगे यदि फिटकरी को 200 डिग्री सेल्सियस तापमान तक गर्म किया जाए तो इसका क्रिस्टलन जल निकल जाता है और यह एक सांद्र पदार्थ में परिवर्तित हो जाती है जिसे Burnt Alum कहते हैं| Burnt Alum को फिटकरी के फूल के नाम से भी जाना जाता है|

फिटकरी का उपयोग-

  • बहते हुए रक्त को रोकने में फिटकरी का उपयोग किया जाता है|
  • इसका उपयोग जीवाणुनाशक तथा प्रतिरोधी के रूप में भी किया जाता है|
  • फिटकरी का उपयोग जल के शोधन में किया जाता है|
  • चमड़ा तथा कागज उद्योग में इन्हें चिकना करने के लिए फिटकरी का उपयोग करते हैं|
  • फिटकरी का उपयोग कपड़ों की रंगाई व छपाई में रंग बंधक के रूप में किया जाता है|

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