संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना Sanyukt Rashtra Sangh
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना-
जब प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति हुई तो विश्व के सारे देशों के सामने विश्व में शांति व्यवस्था को स्थापित करने की चुनौती आई, और शांति व्यवस्था को स्थापित करने के लिए राष्ट्र संघ की स्थापना की गई|
लेकिन 1939 इसवी में द्वितीय विश्व युद्ध प्रारंभ हो गया, और इस युद्ध को रोकने में राष्ट्र संघ पूरी तरह से असफल सिद्ध हुआ| तत्पश्चात विश्व के समस्त देशों ने एक ऐसे संघ की कल्पना की जो कि भविष्य में समस्त राष्ट्र को नियंत्रित करें और और ऐसे युद्धों से बचाए|
फलस्वरुप अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने, राष्ट्रों द्वारा विश्व से निर्धनता, विभिन्न राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को विकसित करने, बीमारियों एवं अशिक्षा को खत्म करने हेतु तथा मानवाधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति समान आदर भाव को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना (Sanyukt Rashtra Sangh ki sthapna) 24 अक्टूबर 1945 को की गई|
संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन का श्रेय अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट, रूस के राष्ट्रपति जोसफ स्टालिन एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल को जाता है| संयुक्त राष्ट्र संघ के बनने की शुरुआत 7 फरवरी सन 1941 से होती है|
इसके बाद 14 अगस्त 1941 को इंग्लैंड के प्रधानमंत्री चर्चिल और अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट अटलांटिक सागर में प्रिंस ऑफ वेल्स नामक जहाज पर मिले और उन्होंने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसे अटलांटिक चार्टर कहा जाता है|
26 जून 1945 को अमेरिका के प्रसिद्ध नगर सैन फ्रांसिस्को में एक सम्मेलन हुआ और इसी सम्मेलन में Sanyukt Rashtra Sangh के गठन की नींव पड़ी| इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य एवं कार्य के संदर्भ में एक घोषणा पत्र तैयार किया गया|
इस घोषणा पत्र पर 51 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर करके 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ को स्थापित किया गया| इस समय संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों की संख्या 193 है|
☑ संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है|
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संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत –
घोषणापत्र के अनुच्छेद 2 में संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का वर्णन मिलता है जिसमें वर्णित कुछ सिद्धांत इस प्रकार हैं-
- सभी सदस्य राष्ट्र एक समान और संप्रभुता संपन्न हैं |
- सभी सदस्य राष्ट्र संघ के प्रति अपने उत्तरदायित्व और कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करेंगे|
- सदस्य राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करेंगे
- सदस्य राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र के प्रति ना तो बल प्रयोग की धमकी देंगें, और ना ही शक्ति का प्रयोग करेंगे|
- सदस्य राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में सहायता करेंगे और उन राष्ट्रों की सहायता नहीं करेंगे जिनके विरुद्ध संघ ने कोई कार्यवाही की हो|
- कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र किसी राष्ट्र के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा|
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संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता-
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता को ग्रहण करने के लिए कुछ नियम एवं शर्तों को बनाया गया और विश्व का कोई भी राष्ट्र जो इन नियमों और शर्तों को मारने का आश्वासन देता है वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बन सकता है|
किसी भी देश को सदस्यता के लिए आवेदन करना पड़ता है एवं आवेदन पत्र संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से प्रदान किया जाता है| अगर किसी देश में सदस्यता के लिए आवेदन किया है तो संयुक्त राष्ट्र के अंग उस पर विचार करते हैं और उनकी स्वीकृति प्रदान होने के बाद उस देश को सदस्यता पत्र दे दिया जाता है|
परंतु इसके लिए परिषद के स्थायी सदस्यों की सहमति एवं महासभा के दो तिहाई (⅔) बहुमत का समर्थन आवश्यक है| सदस्यता प्राप्ति के समय सदस्यता प्राप्त करने वाले देश को कुछ नियमों एवं शर्तों पर हस्ताक्षर करना पड़ता है और अगर वह इनका उल्लंघन करता है तो उस संयुक्त राष्ट्र संघ (Sanyukt Rashtrasangh) उसके विरुद्ध कार्यवाही कर सकता है|
संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य-
- चार्टर- चार्टर इसका संविधान है जिसमें 10000 शब्द 111 धाराएं एवं 19 अध्याय हैं, 26 जून 1945 को चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए थे|
- संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज- ध्वज की पृष्ठभूमि हल्की नीली है जिस पर ऊपर से खुली हुई दो वक्राकार जैतून की शाखाओं के बीच में गोलाकार रूप में विश्व का मानचित्र प्रदर्शित है|
- इसका नाम अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने दिया था|
- मुख्य कार्यकारी भाषाएं- इसकी प्रमुख कार्यकारी भाषाएं अंग्रेजी एवं फ्रेंच हैं|
- मान्यता प्राप्त भाषाएं- अंग्रेजी एवं फ्रेंच के अतिरिक्त चीनी, स्पेनिश, रूसी एवं अरबी भाषाएं मान्यता प्राप्त हैं|
- इसका प्रमुख कार्यकारी अधिकारी महासचिव होता है|
- निषेधाधिकार या वीटो पावर- यदि इसका कोई भी स्थाई सदस्य किसी प्रस्ताव के विरोध में मतदान कर दे तो वह प्रस्ताव निषिद्ध हो जाता है, जिसे वीटो पावर कहा जाता है|
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव
महासचिव के नाम | महासचिव का कार्यकाल |
ट्रीगवी ली (नार्वे) | सन 1946 ईस्वी से 1952 तक |
डैग हैमरस्क्जोंल्ड (स्वीडन) | सन 1953 से लेकर 1961 |
यू. थांट (म्यांमार) | 1961 से 1971 ईसवी तक |
कुर्त वॉल्डहाइम (ऑस्ट्रिया) | 1 जनवरी 1972 – 31 दिसम्बर 1981 |
ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार ( पेरू) | 1 जनवरी 1982 – 31 दिसम्बर 1991 |
बुतरस घाली (मिस्र) | 1 जनवरी 1992 – 31 दिसम्बर 1996 |
कोफ़ी अन्नान ( घाना ) | 1 जनवरी 1997 – 31 दिसम्बर 2006 |
बान की मून (दक्षिण कोरिया) | 1 जनवरी 2007– 31 दिसम्बर 2016 |
एंटोनियो गुटेरेस (पुर्तगाल) | 1 जनवरी 2017 – वर्तमान |
संयुक्त राष्ट्र के अंग-
संयुक्त राष्ट्रसंघ ( Sanyukt Rashtrasangh ) के 6 अंग है जो कि निन्नवत है-
1- महासभा-
संयुक्त राष्ट्र की एक महासभा है, इस सभा में सभी इच्छुक रास्तों को बिना भेदभाव के सदस्यता दी जाती है| प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को इसमें अपने 5 प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है, किंतु किसी भी निर्णायक मतदान के अवसर पर उन पांचों का केवल एक ही मत माना जाता है|
प्रत्येक वर्ष में कम से कम एक बार महासभा का अधिवेशन अवश्य होता है| सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा का असाधारण अधिवेशन कभी भी भुलाया जा सकता है इस महासभा में एक निर्वाचित अध्यक्ष एवं 7 उपाध्यक्ष होते हैं|
महासभा को हम साधारण सभा के नाम से भी जानते हैं| साधारण सभा या महासभा के प्रमुख कार्य अग्रलिखित है-
- साधारण सभा का कार्य नए सदस्यों की भर्ती करना होता है|
- इसे सभा का कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट पास करना एवं उसकी देखरेख करना होता है|
- इस महासभा का कार्य जाति, वर्ण, भाषा, रंग अथवा धर्म का भेदभाव किए बिना मानवीय अधिकारों और स्वतंत्रता दिलाने में सहायता करना होता है|
- सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासचिव का निर्वाचन करना महासभा के कार्यों के अंतर्गत ही आता है|
- यह सभा अपने सभापति का निर्वाचन करती है|
- यह सभा अंतरराष्ट्रीय नियमों का निर्माण करती है|
2- सुरक्षा परिषद-
सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है| सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य हैं दिन में पांच स्थाई और 10 अस्थाई हैं| संयुक्त राज्य अमेरिका, UK, फ्रांस, रूस तथा चीन इस संस्था के पांच स्थाई सदस्य हैं| अस्थाई सदस्यों का चुनाव महासभा द्वारा 2 वर्षों के लिए होता है|
किसी भी वाद विवाद का अंतिम निर्णय पांच स्थाई सदस्यों की सहमति एवं चार अस्थाई सदस्यों की सहमति के आधार पर लिया जाता है, यदि अस्थाई सदस्य में से किसी एक सदस्य का किसी विषय पर आज स्वीकृति हो जाती है तो कोई भी निर्णय रद्द हो जाता है अस्थाई सदस्यों के अधिकार को निषेध अधिकार (Veto Power) कहते हैं| सुरक्षा परिषद के कार्य अग्रलिखित है-
- सुरक्षा परिषद का प्रमुख कार्य पूरे विश्व के देशों में शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखना है|
- यह परिषद विश्व के विभिन्न देशों के संरक्षण में रखे जाने वाले प्रदेशों पर नियंत्रण रखती है|
- सुरक्षा परिषद किसी भी अंतरराष्ट्रीय संघर्ष को रोकने के लिए सैनिक कार्यवाही करने का आदेश दे सकती है|
- सुरक्षा परिषद निशस्त्रीकरण के लिए भी प्रस्ताव पारित कर सकती है|
- सुरक्षा परिषद का कार्य नए राष्ट्रों को सदस्यता प्रदान करना होता है|
3- आर्थिक एवं सामाजिक परिषद-
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में महासभा द्वारा निर्वाचित 54 सदस्य होते हैं| इस परिषद के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है तथा प्रत्येक वर्ष इस परिषद के एक तिहाई सदस्य अपने पद से मुक्त होते रहते हैं|
इस परिषद की 1 वर्ष में कम से कम 2 बैठकर आवश्यक होती है और किसी विशेष परिस्थिति पर विशेष अधिवेशन भी बुलाया जा सकता है| आर्थिक और सामाजिक परिषद की स्थापना का उद्देश्य पिछड़े हुए रास्तों को आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए सहायता देना होता है|
यह परिषद गरीब देशों को आर्थिक रुप से सहायता प्रदान करती है और इसके साथ ही साथ उन देशो के उत्थान के लिए कार्यरत होती है| इस परिषद का प्रमुख कार्य संपूर्ण विश्व की आर्थिक, सामाजिक, विज्ञान कला, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अतिरिक्त कई अन्य क्षेत्रों से ज्ञान प्राप्त करके महासभा को सूचित करना होता है|
4- संरक्षण परिषद-
संरक्षण परिषद को हम न्यास परिषद के नाम से भी जानते हैं, इस परिषद में 12 सदस्य हैं, जिनमें चार प्रबंध करता देश हैं- ( ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका तथा ब्रिटेन), सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं- ( रूस, चीन और फ्रांस), इसके अतिरिक्त इस परिषद में पांच निर्वाचित सदस्य हैं|
5- सचिवालय-
सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ का एक प्रशासनिक अंग है| सचिवालय का प्रमुख अधिकारी संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव कहलाता है| संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की नियुक्ति 5 वर्ष के लिए होती है| संयुक्त राष्ट्र संघ के सचिवालय का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है|
सचिवालय में 8 विभाग हैं और प्रत्येक विभाग कार्यकारी सहायक सचिव होता है| संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा करती है| महासचिव का कार्य संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यों की रिपोर्ट तैयार कर प्रत्येक वर्ष साधारण सभा में प्रस्तुत करना होता है|
6- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
संयुक्त राष्ट्र संघ की न्यायपालिका को हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के नाम से जानते हैं| इस न्यायालय में 15 न्यायाधीश हैं| न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति महासभा, सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर करती है|
संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल 9 वर्षों का होता है और इस न्यायालय की कार्यवाही फ्रेंच तथा अंग्रेजी भाषा में की जाती है| अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का प्रमुख कार्यालय हेग (हालैंड) में है|
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का प्रमुख कार्य किसी भी दो या दो से अधिक देशों के बीच उत्पन्न विवाद या झगड़े के विषय में अपना निर्णय देना होता है, और यह संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़े हुए देशों को परामर्श भी देता है|
संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषाएं-
संयुक्त राष्ट्र ने 6 भाषाओं को “राज भाषा” स्वीकृति प्रदान की है और यह भाषाएं- अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी और स्पेनिश हैं, परंतु इन भाषाओं में से केवल दो भाषाओं (अंग्रेज़ी और फ़्रांसीसी) को संयुक्त राष्ट्र की संचालन भाषा माना जाता है।
स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी) और बाद में अरबी और स्पेनिश को भी सम्मिलित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाओं में हिंदी को शामिल नहीं किया गया है, संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत काफी वर्षों से इस प्रयास में है कि हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषाओं में शामिल किया जाए परंतु अभी तक आधिकारिक भाषाओं में हिंदी शामिल नहीं हो पाई है|
भारत के अनुसार वर्तमान समय में हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और हिंदी ने अपने आप को विश्व भाषा के रूप में स्थापित कर लिया है|
नियम के अनुसार, “संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों के दो तिहाई सदस्यों यानि 129 देशों को हिन्दी को अधिकारिक भाषा बनाने के पक्ष में वोट करना होगा, तब हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में सम्मिलित हो जाएगी|
संयुक्त राष्ट्र में भाषा दिवस-
- अरबी भाषा दिवस (18 December)
- चीनी भाषा दिवस (20 April)- पहली बार 12 नवंबर मनाया गया था पर अब इसे 20 अप्रैल कर दिया गया है|
- अंग्रेजी भाषा दिवस (23 April) (पारंपरिक तौर पर 23 अप्रैल को विलियम शेक्सपियर का जन्मदिन मनाया जाता है|
- स्पेनिश भाषा दिवस (23 April)
- फ्रेंच भाषा दिवस (20 March)
- रशियन भाषा दिवस (6 June)
Important Points to Remember about Sanyukt Rashtra Sangh-
- Sanyukt Rashtrasangh ke mahasachiv (संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ) ka naam एंटोनियो गुटेरेस (पुर्तगाल) है|
- संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है- 6 अंग है|
- संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थायी सदस्य (P5 – Permanent Five)- अमरीका (USA), यूनाइटेड किंगडम (यू.के. UK ), रूस, चीन तथा फ्रांस
- भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य कब बना- 30 Oct 1945
- संयुक्त राष्ट्र संघ के संविधान पर अंतिम स्वीकृति किस सम्मेलन में मिली थी- सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन में
- सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों की संख्या में वृद्धि किस वर्ष में की गई थी- सन 1965 में
- संयुक्त राष्ट्र संघ के शुरूआती सदस्यों की संख्या 51 देशों की थी, वर्तमान में विश्व के 193 देश इसके सदस्य हैं| संयुक्त राष्ट्र 75 से अधिक देशों में 9 करोड़ लोगों को भोजन प्रदान करता है और साथ ही साथ यह लगभग 3 करोड़ 40 लाख शरणार्थियों की मदद करता है|
- संयुक्त राष्ट्र संघ जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों से निपटने के लिए 140 देशों के साथ काम करता है|
- यह विश्व के लगभग 58 प्रतिशत बच्चों को टीका लगाता है, जिससे बच्चों को बिमारियों से बचाया जा सके तथा शिशु मृत्यु दर को काम किया जा सके|
- संयुक्त राष्ट्र संघ में सबसे लंबे समय तक भाषण देने का खिताब भारत के वी.के. कृष्ण मेनन के नाम है| भारत के वी.के. कृष्ण मेनन ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत के रुख पर भावुक भाषण दिया। यह भाषण 8 घंटे तक चला और तब रुका जब वी.के. कृष्णा को बहुत थकावट होने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा| बाद में उन्होंने अगले दिन विधानसभा में अपने भाषण को जारी किया और पुनः एक घंटे का भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण से पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों का मुंह कश्मीर समस्या के लिए बंद कर दिया|
- इंडोनेशिया एकमात्र ऐसा देश है जिसने संयुक्त राष्ट्र से अपनी सदस्यता वापस ले ली थी लेकिन वह बाद में एक साल बाद इसमें पुनः शामिल हो गया था|
संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का निधन-
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का निधन शनिवार 18 अगस्त को निधन हो गया। उनकी उम्र 80 साल थी| कोफ़ी अन्नान नोबेल शांति पुरस्कार विजेता थे और उन्होंने सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के रूप में कार्य किया था| वह पहले अश्वेत अफ़्रीकी (Black African) थे जिसे महासचिव नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1996-2006 तक दो बार महासचिव का पद धारण किया था|
एड्स, क्षय रोग और मलेरिया से लड़ने के लिए श्री अन्नान ने वैश्विक निधि के निर्माण में महत्वपपूर्ण भूमिका निभाई थी| उन्होंने ग्लोबल कॉम्पैक्ट पहल की शुरुआत की थी, जो 1999 में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रयास था।
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