नील आर्मस्ट्रांग की जीवनी Neil Armstrong Biography in Hindi
Neil Armstrong Biography in Hindi-
नील आर्मस्ट्रांग एक अंतरिक्ष यात्री थे जिन्होंने 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर सबसे पहली बार अपने कदम रखे| ऐसा करने वाले वह प्रथम व्यक्ति थे| आर्मस्ट्रांग का जन्म 5 अगस्त 1930 को अमेरिका के वैपकॉनेटा राज्य के ओहियो शहर में हुआ था।
नील आर्मस्ट्रांग के माता-पिता स्टीफन कोएनिग आर्मस्ट्रांग और व्हायोला लुईस एंजेल थे। वह स्टीफन और व्हायोला एंजेल आर्मस्ट्रांग के तीन बच्चों में से सबसे बड़े थे| बचपन से ही उनकी रुचि एरोप्लेन मे थी|
जब वह मात्र 14 साल के थे, तब उन्होंने हवाई जहाज को उड़ाने की ट्रेनिंग लेना प्रारंभ कर दिया था| और मात्र 16 साल की उम्र में उन्हें पायलट का लाइसेंस प्राप्त हो गया था|
नील आर्म स्ट्रांग का विवाह 28 जनवरी 1956 को जेनेट शेरोन के साथ हुआ था| उनके बेटे का नाम एरिक और बेटी का नाम करेन था| जनवरी 1962 में उनकी पुत्री का निधन हो गया जिससे उन को गहरा आघात पहुंचा|
Biography of Neil Armstrong in Hindi
नाम | नील आर्मस्ट्रांग |
जन्म | 5 अगस्त 1930 |
जन्म स्थान | ओहियो शहर अमेरिका |
पिता का नाम | स्टीफनआर्मस्ट्रांग |
माता का नाम | व्हायोला एंजेल |
पत्नी का नाम | जेनेट शेरोन |
मृत्यु | 25 अगस्त 2012 |
मृत्यु स्थान | ओहियो शहर अमेरिका |
Early Life of Neil Armstrong in Hindi-
आर्मस्ट्रांग को छोटी उम्र से ही अंतरिक्ष में भी रूचि थी। उनके एक पड़ोसी के बाद एक दूरबीन थी जिससे वह सितारों चंद्रमा आदि को देखते थे| इसी कारणवश वह बचपन से ही हवाई जहाज की ओर आकर्षित हुए थे|
आर्मस्ट्रांग परड्यू विश्वविद्यालय (Purdue University ) गए और वहां से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बाद में उन्हें दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अपनी स्नातकोत्तर डिग्री मिली।
कॉलेज के दौरान ही नील को नौसेना द्वारा बुलाया गया और उन्हें एक लड़ाकू पायलट बनाया गया। उन्होंने कोरियाई युद्ध में भाग लिया और एक बार उनका विमान दुश्मनों के द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया, परंतु वह उस विमान से सावधानीपूर्वक और सुरक्षित निकल गए।
वह अंतरिक्ष यात्री कैसे बने?
कॉलेज से स्नातक होने के बाद, आर्मस्ट्रांग एक परीक्षण पायलट बन गए| उन्होंने सभी प्रकार के प्रायोगिक विमानों को उड़ाया, ताकि वे यह देख सकें कि वे कितनी अच्छी तरह से उड़ सकते हैं|
और वह इस तरह से विमान उड़ाने में परिपक्व हो गए| हालांकि यह एक खतरनाक काम था, लेकिन यह बहुत रोमांचक था। उन्होंने अपने करियर के दौरान 200 से अधिक विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाए थे।
आर्मस्ट्रांग ने 1962 में अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए नासा में अप्लाई किया और उन्हें नासा की ओर से चुन लिया गया| इसके बाद उन्हें कई शारीरिक परीक्षणों और परीक्षाओं से गुजरना पड़ा और वह उन सारी परीक्षाओं में सफल होते गए|
More History of Neil Armstrong in Hindi-
अपोलो 11 से चांद तक का सफर-
नील आर्मस्ट्रांग जिस विमान से धरती से चांद तक का सफर करने वाले थे, उसका नाम था अपोलो-11| 23 दिसंबर 1968 को आर्मस्ट्रांग को अपोलो 11 के मिशन में शामिल होने के लिए प्रस्ताव भेजा गया और उन्हें अपोलो-11 का कमांड दिया गया| उस समय तक कोई मनुष्य चांद तक नहीं पहुंचा था, इसी कारणवश विश्व के सारे देश इस मिशन को लेकर काफी रोमांचित थे|
कई महीनों की तैयारी के बाद अंततः अपोलो 11 अंतरिक्ष यान 16 जुलाई 1969 को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। चंद्रमा पर लैंडिंग होने के उपरांत आर्म स्ट्रांग ने कहा “ह्यूस्टन, यह ट्रैंक्विलिटी बेस है, ईगल उतर चुका है।”
चंद्रमा पर जैसे ही उन्होंने अपने कदम रखे वह ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति बन गए| उन्होंने चंद्रमा से चट्टानों को इकट्ठा किया और वह वहां 21 घंटे से अधिक समय तक रहे| इसके बाद 24 जुलाई को पुनः पृथ्वी पर वापस आ गए|
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