मध्य प्रदेश की प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे

मध्य प्रदेश राज्य भारत के दिल में बसा हुआ एक राज्य है| क्षेत्रफल के हिसाब से यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है| इस राज्य ने भारत के इतिहास में अनेक वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं को जन्म दिया है| ऐसा माना जाता है कि उज्जैन पर सबसे पहले सम्राट अशोक ने अपना शासन कार्य प्रारंभ किया था| उज्जैन मध्य प्रदेश में ही स्थित है|

पर्यटन के हिसाब से भी मध्यप्रदेश बहुत ही महत्वपूर्ण है, इस राज्य में कई विश्व धरोहर और मूर्तिकला वाले मंदिर हैं, जोकि विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं| इसके अलावा मध्यप्रदेश में कई महान विभूतियों की समाधि एवं मकबरे स्थित है, जो की ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है|

मध्य प्रदेश की प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे-

 

1 तानसेन की समाधि ग्वालियर     
2   मोहम्मद गोस का मकबरा ग्वालियर
3 होशंग शाह की समाधि मांडू
4 तात्या टोपे की समाधि शिवपुरी
5 रानी दुर्गावती की समाधि जबलपुर
6 लक्ष्मीबाई की समाधि ग्वालियर
7 पेशवा बाजीराव की समाधि खरगोन
8 नवाब हसन सिद्दीकी का मकबरा     भोपाल
9 रानी अवंती बाई की समाधि   मंडला
10 बैजू बावरा की समाधि चँदेरी
11   पीर बुधान का मकबरा शिवपुरी
12 कान्हा बाबा की समाधि   सोडलपुर
13 मुमताज़ की कब्र बुरहानपुर
14 दौलत खान का मकबरा        बुरहानपुर
15 झलकारी बाई       ग्वालियर
16 गिरधारी बाई   मंडला

 

तानसेन की समाधि- ग्वालियर
मध्ययुगीन काल में तानसेन भारत के महानतम संगीतकारों और प्रमुख गायकों में से एक थे| तानसेन मुगल सम्राट अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। तानसेन का मकबरा ग्वालियर जिले में स्थित है|

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मोहम्मद गोस का मकबरा- ग्वालियर
गौस मोहम्मद 15 वीं शताब्दी के सूफ़ी संत थे। वे एक अफगानी राजकुमार थे जो बाद में सूफी बन गए। वे संगीतकार तानसेन के गुरु थे। मोहम्मद गौस की मृत्यु आगरा में हुई थी, लेकिन उन्हें मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में दफनाया गया था| गौस के मकबरे का निर्माण सन् 1606 में मुगल बादशाह सम्राट अकबर ने करवाया था|

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होशंग शाह की समाधि- मांडू
होशांग शाह मध्य भारत के मालवा क्षेत्र का पहला औपचारिक रूप से नियुक्त इस्लामी राजा था| उसकी समाधि मांडू में स्थित है|

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तात्या टोपे की समाधि- शिवपुरी
रामचंद्र पांडुरंग टोपे को हम तात्या टोपे के नाम से जानते हैं| वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में सबसे उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण है जिन्होंने 1857 की क्रांति में एक जनरल के रूप में कार्यभार संभाला था|

उन्होंने बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के बहुत अच्छा सेना का संचालन किया था| तात्या टोपे की समाधि मध्य प्रदेश के शिवपुरी में स्थित है| उनकी मृत्यु 18 April 1859 को हुई थी|

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लक्ष्मीबाई की समाधि- ग्वालियर
झांसी के रानी लक्ष्मीबाई भारत की महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से सबसे महत्वपूर्ण थी|18 जून 1858 को ग्वालियर में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई| रानी लक्ष्मी बाई की समाधि ग्वालियर जिले के फूल बाग इलाके में स्थित है|

लक्ष्मीबाई की समाधि

पेशवा बाजीराव की समाधि- खरगोन
पेशवा बाजीराव की मृत्यु 28 अप्रैल 1740 को हुई थी|। पेशवा की समाधि मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के नर्मदा किनारे रावेरखेड़ी में स्थित है।

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नवाब हसन सिद्दीकी का मकबरा- भोपाल
नवाब हसन सिद्दीकी का मकबरा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है| यह मकबरा सफेद संगमरमर से निर्मित है| नवाब हसन सिद्दीकी भोपाल की शाहजहां बेगम के दूसरे शौहर थे और उनका निधन 1890 में हुआ था|

उन्हीं की याद में शाहजहांबेगम ने इस मकबरे का निर्माण कराया था| इस मकबरे का निर्माण कराने में उस समय लगभग सात हजार रुपये खर्च हुए थे।

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रानी अवंती बाई की समाधि – मंडला
भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वीरांगनाओं में रानी अवंती बाई का नाम प्रमुख एवं अग्रणी है| आपकी मृत्यु 20 मार्च 1858 को हुई थी आपकी समाधि मंडला में स्थित है|

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बैजू बावरा की समाधि- चँदेरी
संगीत सम्राट बैजू बावरा का नाम बैजनाथ मिश्र था, वह भारत के ध्रुपद गायक थे और ग्वालियर के राजा मानसिंह के दरबार में गायक थे| आपकी मृत्यु 1613 में मध्य प्रदेश के चंदेरी नामक स्थान पर हुई थी, और यही पर आप की समाधि है|

बैजू बावरा की समाधि

कान्हा बाबा की समाधि- सोडलपुर
कान्हा बाबा की समाधि सोडलपुर में स्थित है| इस समाधि के समीप ही कान्हा बाबा का प्रसिद्ध मेला भी आयोजित किया जाता है|

कान्हा बाबा की समाधि- सोडलपुर

मुमताज महल की कब्र- बुरहानपुर
मुमताज महल मुगल सम्राट शाहजहां की पत्नी थी| मुमताज़ महल को ताजमहल में दफ़न करने से पूर्व बुरहानपुर मध्य प्रदेश के महल में अस्थाई रूप से दफन किया गया था। जब ताजमहल का निर्माण कार्य पूरा हुआ तब मुमताज़ को बुरहानपुर की कब्र से निकालकर ताजमहल में दफनाया गया था|

मुमताज महल की कब्र

झलकारी बाई की समाधि- ग्वालियर
झलकारी बाई झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की महिलाओ की सेना में महिला सैनिक थी, 1857 की क्रांति में झलकारी बाई का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण था| झलकारी बाई की मृत्यु 4 अप्रैल 1857 को हुई थी| उनकी समाधि ग्वालियर में स्थित है|

झलकारी बाई की समाधि- ग्वालियर

रानी दुर्गावती की समाधि- जबलपुर
रानी दुर्गावती का व्यक्तित्व बहुत ही अद्भुत था वह एक बहादुर योद्धा, कुशल प्रशासनिक संचालिका और एक महान नेता थी| अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए उन्होंने अपने आपको दुश्मनों के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया परंतु युद्ध क्षेत्र में लड़कर वीरगति को प्राप्त करना उचित समझा| रानी दुर्गावती की समाधि जबलपुर में स्थित है|

गिरधारी बाई की समाधि- मंडला
गिरधारी बाई की समाधि मध्यप्रदेश के मंडला में स्थित है|

पीर बुधान का मकबरा- शिवपुरी
पीर बुधान एक मुस्लिम संत थे, इनका मकबरा मध्यप्रदेश के शिवपुरी में स्थित है| इस मकबरे के समीप ही पीर बुधान का मेला आयोजित किया जाता है|


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